केरल के बहुचर्चित गोल्ड स्मगलिंग केस की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और पीआर सरिथ राज्य के बड़े नेताओं से लगातार संपर्क में थे। स्वप्ना सुरेश की फोन कॉल से यह खुलासा हुआ है, इतना ही नहीं वह केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील से भी टच में थी।
तिरुअनंतपुरम. केरल के बहुचर्चित गोल्ड स्मगलिंग केस की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश और पीआर सरिथ राज्य के बड़े नेताओं से लगातार संपर्क में थे। स्वप्ना सुरेश की फोन कॉल से यह खुलासा हुआ है, इतना ही नहीं वह केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील से भी टच में थी।
वहीं, शिक्षा मंत्री केटी जलील ने कहा, उन्होंने स्वप्ना से इसलिए संपर्क किया था, क्यों कि उन्होंने रमजान किट के बारे में जानकारी मांगी थी, जिन्हें केरल स्थित यूएई दूतावास में बांटा जाना था।
सीएम विजयन पूर्व सचिव 7 घंटे हुई पूछताछ
वहीं, सरिथ की कॉल लिस्ट से खुलासा हुआ है कि वह पूर्व आईटी सचिव एम शिवशंकर से लगातार संपर्क में था। शिवशंकर मुख्यमंत्री पी विजयन के मुख्य सचिव भी रहे हैं। उनका इस मामले में नाम आने के बाद पद से हटा दिया गया है।
अब बुधवार को पूर्व मुख्य सचिव एम शिवशंकर से कस्टम्स हाउस में कस्टम अफसरों ने 7 घंटे तक पूछताछ की। बताया जा रहा है कि इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
क्या है मामला?
तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम अफसरों ने 3 जुलाई को कार्गो फ्लाइट से 30 किलो सोना जब्त किया था। यह सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास का था। जब कस्टम विभाग ने जांच की तो इस मामले में स्वप्ना सुरेश और दूतावास के प्रतिनिधि सरीथ का नाम सामने आया था।
निशाने पर आई विजयन सरकार
स्वप्ना सुरेश टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में सलाहकार के पद पर रही हैं। वे केरल सरकार के आईटी सचिव एम शिवशंकर की करीबी बताई जा रही हैं। इन दोनों के नाम सामने आने के बाद विपक्ष लगातार केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन पर निशाना साध रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार सभी आरोपियों को बचाने में लगी है। इन आरोपों के चलते विजयन ने सचिव एम शिवशंकर को भी पद से हटा दिया। बताया जाता है कि स्वप्ना अकसर एम शिवशंकर के आवास पर आती जाती दिखती हैं। उन्होंने ही सपना को नौकरी दिलाई थी।