भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व के 2 और आर्द्रभूमि होने से रामसर स्थलों की संख्या 49 पहुंची, जानिए पूरी कहानी

Published : Feb 03, 2022, 11:54 AM ISTUpdated : Feb 03, 2022, 11:55 AM IST
भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व के 2 और आर्द्रभूमि होने से रामसर स्थलों की संख्या 49  पहुंची, जानिए पूरी कहानी

सार

भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व के दो और आर्द्रभूमि(Wetland) होने से रामसर स्थलों की संख्या 49 तक पहुंच गई है। सुल्तानपुर नेशनल पार्क में वर्ल्ड वेटलैंड डे के मौके पर इसकी जानकारी दी गई। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि आर्द्रभूमि के क्षरण तथा नुकसान को रोकने एवं पुनः आर्द्रभूमि बनाने के लिए सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है।

सुल्तानपुर, हरियाणा.  भारत में अंतरराष्ट्रीय महत्व के दो और आर्द्रभूमि(Wetland) होने से रामसर स्थलों की संख्या 49 तक पहुंच गई है। सुल्तानपुर नेशनल पार्क में वर्ल्ड वेटलैंड डे के मौके पर इसकी जानकारी दी गई। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि आर्द्रभूमि के क्षरण तथा नुकसान को रोकने एवं पुनः आर्द्रभूमि बनाने के लिए सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है।  केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने यह बात हरियाणा के एक रामसर स्थल - सुल्तानपुर नेशनल पार्क में आयोजित विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 के राष्ट्रीय स्तर के समारोह में कही। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने समारोह की अध्यक्षता की। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और हरियाणा के वन मंत्री कंवर पाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। यादव द्वारा इस अवसर पर दो नए रामसर स्थलों (अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि), गुजरात में खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य और उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य की भी घोषणा की गई।

दक्षिण एशिया में सबसे अधिक
भारत में अब 10,93,636 हेक्टेयर क्षेत्र में 49 रामसर साइटों का एक नेटवर्क है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश में बखिरा वन्यजीव अभयारण्य बड़ी संख्या में मध्य एशियाई पक्षियों की प्रजातियों के लिए सर्दियों में सुरक्षित और अनुकूल स्थल प्रदान करता है, जबकि पक्षियों की व्यापक विविधता वाला खिजड़िया वन्यजीव अभयारण्य तटीय आर्द्रभूमि है, जो लुप्तप्राय और कमजोर प्रजातियों को एक सुरक्षित आवास प्रदान करती है। भारत की आर्द्रभूमियों के संरक्षण, पुनर्स्थापन और प्रबंधन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के एक हिस्से के रूप में भूपेंद्र यादव ने आर्द्रभूमि मित्रों और अपनी आर्द्रभूमि की सुरक्षा तथा संरक्षा के लिए उपस्थित सभी लोगों को आर्द्रभूमि की शपथ दिलाई।

एटलस का विमोचन
इस अवसर पर, स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी), अहमदाबाद द्वारा तैयार "नेशनल वेटलैंड डेकाडल चेंज एटलस" का भी विमोचन किया गया, जिसमें पिछले एक दशक में देश भर में आर्द्रभूमि में हुए परिवर्तनों पर प्रकाश डाला गया है। स्पेस एप्लीकेशन सेंटर द्वारा 2011 में मूल एटलस का विमोचन किया गया था और वर्षों से सभी राज्य सरकारों द्वारा अपनी योजना प्रक्रियाओं में व्यापक रूप से इसका उपयोग किया गया है। नया एटलस वेटलैंड ऑफ इंडिया पोर्टल https://indianwetlands.in/resources-and-e-learning/library/ वेबसाइट पर उपलब्ध है।

आद्रभूमि की किडनी से तुलना
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पिछले साल दो स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय रामसर टैग प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, सभी को आर्द्रभूमि और प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया तथा विकास एवं पारिस्थितिकी को संतुलित करने के महत्व पर भी जोर दिया। आर्द्रभूमि के कार्यों को मानव शरीर में किडनी द्वारा किए जाने वाले कार्यों के समतुल्य बताते हुए, राज्य मंत्री ने देश की आर्द्रभूमि के संरक्षण के लाभों और आवश्यकताओं पर विस्तार से चर्चा की।

विश्व आर्द्रभूमि दिवस हर साल 2 फरवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह लोगों और हमारी धरती के लिए आर्द्रभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन ईरान के रामसर शहर में 2 फरवरी, 1971 को आर्द्रभूमि पर संधि को लागू करने की तिथि का भी प्रतीक है। इस वर्ष विश्व आर्द्रभूमि दिवस का विषय "लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि की भूमिका" है, जो मानव और धरती के स्वास्थ्य के लिए आर्द्रभूमि के संरक्षण तथा सतत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए किए जाने वाले कार्यों के महत्व पर प्रकाश डालता है।

यह भी पढ़ें
GOOD NEWS:अरावली जैव विविधता पार्क को मिली OECMs में जगह, 10 साल पहले यहां थीं खदानें; आज होती हैं रिसर्च
टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा पहुंचीं नेशनल वॉर मेमोरियल, कैप्टन विक्रम बत्रा और अन्य शहीदों को किया सैल्यूट

 

PREV

Recommended Stories

पतली एग्जिट, ताड़ के पत्तों का ढांचा, बड़ी DJ नाइट और फिर चीखों से गूंज उठा गोवा नाइटक्लब
गोवा नाइटक्लब फायर ट्रेजेडी: 25 मौतें, CM ने बैठाई मजिस्ट्रेटी जांच-खुलेंगे कई चाैंकाने वाले राज