जो कभी नहीं हुआ वह इस बार के कॉमनवेल्थ में हो गया, जानें भारतीय एथलीट्स ने कहां-कहां मारी बाजी

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games) का समापन हो गया है और भारत आश्चर्यजनक तौर पर मेडल टैली (Medal Tally) में चौथे पायदान पर रहा। भारत का ऐसा प्रदर्शन रहा जिसकी कल्पना भी कम लोगों ने की थी।

Manoj Kumar | Published : Aug 10, 2022 5:19 AM IST / Updated: Aug 10 2022, 10:53 AM IST

Commonwealth Games. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय एथलीट्स के प्रदर्शन को देखें तो यह पता चल जाएगा कि भारत ने इस बार शानदार खेल दिखाया है। कुछ ऐसे स्पोर्ट्स इवेंट में भारत ने मेडल जीते हैं, जिसमें जीत की कल्पना करना भी मुश्किल होता था। लॉन बॉल हो या ट्रिपल जंप या फिर हाई जंप इन सभी स्पोर्ट्स इवेंट में भारत कभी भी कंफर्टेबल नहीं था और मेडल भी नहीं मिले थे। लेकिन इस बार भारतीय एथलीट्स ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए इन इवेंट्स में भी मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। 

शूटिंग के बिना शानदार प्रदर्शन
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास टटोला जाए तो भारत ने सबसे ज्यादा मेडल्स शूटिंग यानि निशानेबाजी के इवेंट्स में जीते हैं। लेकिन इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग इवेंट नहीं था। माना जा रहा था कि शूटिंग के बगैर भारत ज्यादा मेडल जीतने में कामयाब नहीं हो पाएगा लेकिन भारत ने वह कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी। शूटिंग की जगर भारतीय रेसलर्स ने देश के पदकों की बौछार कर दी। इसी का नतीजा रहा कि भारत ने 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रान्ज मेडल मिलाकर कुल 61 मेडल अपने नाम किया।

इन पांचों ने किया कमाल
समय को 16 साल पीछे ले गए शरत-
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का झंडा थामने वाले शरत कमल ने कमाल का खेल दिखाया। 40 वर्षीय कमल ने न सिर्फ खुद के लिए गोल्ड जीता बल्कि टीम इवेंट्स में भारत के लिए पदक जीता। उनका अब तक का यह शानदार प्रदर्शन था क्योंकि 16 वर्ष पहले उन्होंने अपना पहला कॉमनवेल्थ मेडल जीता था।

ब्रेक कर दिया रिकॉर्ड- पुरूषों के 3000 मीटर स्टिपलचेस रेस में अभी तक केन्या का दबदबा रहता था और हर बार उनके ही खिलाड़ी मेडल जीतते थे लेकिन इस बार भारतीय एथलीट अविनाश साबले ने केन्याई रिकॉर्ड को तोड़ दिया और मेडल पर कब्जा किया।

ट्रिपल जंप में दोहरी सफलता- भारत ने अभी तक ट्रिपल जंप में एक भी मेडल नहीं जीता था लेकिन इस बार एक नहीं बल्कि दो-दो मेडल भारत ने जीते हैं। भारत के एल्डोस पॉल ने गोल्ड और अबूबकर ने सिल्वर मेडल जीतकर पहली बार देश को मेडल दिलाया है।

जूडो में हो जादू- दिल्ली की रहने वाली तूलिका मान को भला कौन भूल सकता है। तूलिका ने जूडो में भारत को सफलता दिलाई और सिल्वर मेडल पर कब्जा किया। तूलिका को टोक्यो ओलंपिक में तो सफलता नहीं मिली थी लेकिन कॉमनवेल्थ में उन्होंने शानदार खेल दिखाया। 

जिसके बारे में कभी नहीं सोचा- भारत में लॉन बॉल स्पोर्ट्स इवेंट के बारे में बहुत लोग ही जानते हैं, फिर मेडल जीतना तो दूर की बात होगी। लेकिन इस बार 4 भारतीय महिलाओं ने इतिहास रच दिया और कॉमनवेल्थ की हिस्ट्री में पहली बार गोल्ड मेडल जीता। यह जीत वर्षों तक भारतीय खेलप्रेमियों को याद रहेगी।

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