फीफा बैन केस: जानें क्यों सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'टूर्नामेंट को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं प्रफुल्ल पटेल'

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फीफा बैन (FIFA Ban) मामले की सुनवाई के दौरान एनसीपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) पर सख्त टिप्पणी कि है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रफुल्ल पटेल को अंडर 17 महिला विश्व कप टूर्नामेंट को बर्बाद करने की कोशिश करने वाला व्यक्ति करार दिया है। 

Manoj Kumar | Published : Aug 23, 2022 8:52 AM IST

Suprem Court on Praful Patel. खेलों में भी राजनीति किस तरह से होती है, उसका अंदाजा सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी से आसानी से हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय फुटबॉल के पूर्व चीफ प्रफुल्ल पटेल को टूर्नामेंट को बर्बाद करने की कोशिश करने वाला करार दिया है। दरअसल, फीफा ने भारतीय फुटबॉल फेडरेशन पर बैन लगा दिया है जिसकी वजह से भारत में होने वाला अंडर 17 महिला फुटबॉल विश्व कप का आयोजन खतरने में पड़ गया है। मेजबानी पर तलवार लटकी तो सरकार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां कोर्ट ने एआईएफएफ की प्रशासक समिति को बर्खास्त कर दिया है। वहीं अब कोर्ट ने फुटबॉल फेडरेशन के पूर्व चीफ को कटघरे में खड़ा किया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के दैनिक मामलों को चलाने वाली प्रशासकों की समिति को कोर्ट ने बर्खास्त कर दिया है। समिति को भंग करने के आवेदन पर सुनवाई करने वाली दो जजों की पीठ से न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि- 'आप हमको दिक्कत बताते हैं और आप टूर्नामेंट को नष्ट कर रहे हैं। मिस्टर प्रफुल्ल पटेल टूर्नामेंट को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं। आप भी अब ये काम कर रहे हैं। हम आपसे निपट लेंगे।' इस दौरान जज एक राज्य संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के एक दावे का जवाब दे रहे थे कि अदालत द्वारा सीओए भंग करने का फैसला करने के बाद, होने वाले चुनाव में एआईएफएफ की कार्यकारी परिषद में रिटर्निंग अधिकारियों की नियुक्ति पर कुछ राज्यों को आपत्ति हो सकती है। 

क्या है प्रफुल्ल पटेल का रोल
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल 12 साल ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के चेयरमैन रहे हैं और वे अपना पद छोड़ने को तैयार नहीं थे। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2022 में पद से हटा दिया। कोर्ट ने ही प्रशासकों की एक समिति बनाई और फेडरेशन का संचालन दिया गया। यही कारण था कि फीफा इसे थर्ड पार्टी का दखल मानते हुए एआईएफएफ को ही सस्पेंड कर दिया। फीफी ने यह कार्रवाई 16 जुलाई को की। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उस समिति को बर्खास्त कर दिया और जल्द चुनाव कराने का आदेश दिया है। अब चुनाव के बाद नई समिति को फीफा मान्यता देगी तो संभव है कि भारत में अंडर 17 वुमेन्स फुटबॉल वर्ल्ड कप का आयोजन हो सके। 

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