AIFF की प्रशासक समिति को सुप्रीम कोर्ट ने किया बर्खास्त, अंडर-17 विश्व कप भारत में कराने का निर्देश

FIFA बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने न केवल AIFF की प्रशासन समिति (COA) को बर्खास्त कर दिया है बल्कि यह भी निर्देश दिया है कि विश्व कप भारत में ही कराया जाए।
 

Manoj Kumar | Published : Aug 22, 2022 8:25 AM IST / Updated: Aug 22 2022, 01:58 PM IST

Supreme Court on AIFF. फीफा बैन (FIFA Ban) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चली सुनवाई के बाद एपेक्स कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने AIFF की प्रशासन समिति को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फीफा द्वारा एआईएफएफ के निलंबन को रद्द करने, भारत में ही अंडर-17 विश्व कप फुटबाल आयोजित कराने और इंटरनेशनल इवेंट्स में भारत की भागीदारी सुनिश्चित करने की अनुमति देने का आदेश पारित कर दिया है। इसके बाद भारत में अंडर-19 महिला फुटबाल विश्व कप की संभावना बढ़ गई है। अब गेंद फीफा के पाले में है और जल्द ही कुछ नया निर्णय सामने आ सकता है। 

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबाल एसोसिएशन का कामकाज संभालने की जिम्मेदारी एसोसिएशन के महासचिव को दिया है। कोर्ट ने 28 अगस्त को होने वाला चुनाव भी टाल दिया है। अब यह चुनाव 1 हफ्ते बाद कराया जाएगा। फीफा ने प्रशासन समिति की नियुक्ति को बाहरी दखल बताते हुए AIFF की सदस्यता निलंबित कर रखी है। इससे भारत में अंडर 17 महिला विश्वकप फुटबाल का आयोजन नहीं हो पा रहा है। सरकार ने फीफा से बात की और सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि कमेटी को हटाकर जल्द चुनाव कराए जाएं। इससे AIFF का निलंबन रद्द हो जाएगा। 

 

क्या है पूरा मामला
फीफा ने भारत की ओर से अनुचित हस्तक्षेप के कारण इसे नियमों का गंभीर उल्लंघन माना है। फीफा ने कहा कि निलंबन तत्काल प्रभावी है। दरअसल, विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा ने खेल मंत्रालय को सूचित किया था कि वह आगामी अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल में व्यक्तिगत सदस्यों को शामिल करने के विरोध में दृढ़ है। सूत्रों ने अनुसार फीफा की मांगों और भारतीय फुटबॉल विवाद पर खेल मंत्रालय के रुख पर स्पष्टता की मांग करते हुए, प्रशासकों की समिति (CoA) को सोमवार को मंत्रालय से एक मैसेज मिला। जिसमें फीफा चाहता है कि चुनावी कॉलेज के अलग-अलग सदस्य राज्य संघों और अन्य संस्थाओं से आएं।

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