देश के लिए गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ी अपनी पूरी जिंदगी खेल के मैदान और मिट्टी को झोंक देते हैं। अथक मेहनत और दिन-रात पसीना बहाकर ये खुद को खेल के लिए तैयार करते हैं लेकिन कैसा हो जब एक खिलाड़ी को भिखारी की तरह फुटपाथ पर सोना पड़े।
नई दिल्ली. देश के लिए गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ी अपनी पूरी जिंदगी खेल के मैदान और मिट्टी को झोंक देते हैं। अथक मेहनत और दिन-रात पसीना बहाकर ये खुद को खेल के लिए तैयार करते हैं लेकिन कैसा हो जब एक खिलाड़ी को भिखारी की तरह फुटपाथ पर सोना पड़े और लोग उसे भिखारी समझ भीख डाल जाएं या जरूरत की चीजें मुहैया करवा दें?
ऐसा ही कुछ हुआ है देश की राजधानी दिल्ली में जहां कंपकंपाती इस ठंड में एक हॉकी खिलाड़ी फुटपाथ पर सोता हुआ पाया गया है। ये देख हर कोई दंग रह गया कि जिसने दुनियाभर मे देश का नाम रोशन किया था वो आज खुद सड़कों पर जिंदगी काट रहा है।
सोशल मीडिया पर मीडिया कर्मी अतुल अग्रवाल ने ट्वीट किया और खिलाड़ी की हालत को लेकर चिंता जाहिर की। पोस्ट में बताया गया कि, ये हॉकी खिलाड़ी हैं अमरजीत सिंह। ये भारत के लिए जूनियर हॉकी खेल चुके हैं और उन्होंने ऐथलेटिक्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अपने शानदार खेल के दम पर पहचान बनाने वाले इस खिलाड़ी ने कई साल लंदन और जर्मनी में भी बिताए, लेकिन अब यह खिलाड़ी दिल्ली के पहाड़ गंज एरिया में फुटपाथ पर अपना जीवन काटने को मजबूर है। वजह है गरीबी और काम न मिलना।
महानायक बच्चन ने बढ़ाया मदद
सोशल मीडिया पर शेयर होते ही लोगों ने इसे वायरल कर दिया। दरअसल उस शख्स ने पोस्ट में खेल मंत्री किरण रिजिजू को टैग किया था। इसके बाद खेल मंत्री और बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने इस खिलाड़ी की मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया।
खेल मंत्री किरण रिजिजू को जब टि्वटर पर इस पूर्व खिलाड़ी के इन हालात का मालूम चला तो उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है।
रिजजू ने कहा हर संभव होगी मदद
इस पोस्ट पर ट्वीट करते हुए रिजिजू ने लिखा, 'मैं सोशल मीडिया के जरिए लगातार यह कहता रहा हूं कि कोई भी जो सचमुच भारत के लिए खेला है और अब दयनीय हालात में जिंदगी जी रहा है तो उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी। अगर इनका पता मिल जाए तो हम जरूरी मदद करेंगे।'
रिजिजू के इस ट्वीट से पहले बच्चन ने भी ट्वीट कर इस पूर्व खिलाड़ी को मदद की पेशकश की। अमिताभ ने इस ट्वीट पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'क्या यह संभव है कि उनकी यह जानकारी मिल जाए कि उन्हें कहां और कैसे मदद की जा सकती है।' बता दें कि बहुत से ऐसे खिलाड़ियों की कहानियां सामने आई हैं जिन्हें काम न मिलने के कारण गरीबी का सामना करना पड़ा।