मुकैदा सेमीफाइनल में पहुंच गयी है और अगर वह फाइनल में जगह बनाती है तो विनेश की न सिर्फ पदक की बल्कि तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की उम्मीद भी बनी रहेगी।
नूर सुल्तान. भारत की शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट मंगलवार को यहां जापान की मौजूदा चैंपियन मायु मुकैदा से हारकर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में खिताब की दौड़ से बाहर हो गयी। विनेश (53 किग्रा) की यह इस सत्र में जापानी पहलवान के हाथों लगातार दूसरी पराजय है। इससे पहले वह चीन में एशियाई चैंपियनशिप में भी दो बार की विश्व चैंपियन से हार गयी थी।
विनेश अभी भी जीत सकती हैं कांसा
विनेश ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में खिताब जीते हैं लेकिन विश्व चैंपियनशिप में अभी तक पदक जीतने में नाकाम रही हैं। मुकैदा सेमीफाइनल में पहुंच गयी है और अगर वह फाइनल में जगह बनाती है तो विनेश की न सिर्फ पदक की बल्कि तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की उम्मीद भी बनी रहेगी। एक अन्य ओलंपिक वर्ग (50 किग्रा) में सीमा बिस्ला प्री क्वार्टर फाइनल में तीन बार की ओलंपिक पदक विजेता मारिया स्टैडनिक से 2-9 से हार गयी। अजरबेजान की पहलवान भी सेमीफाइनल में पहुंच गयी है जिससे सीमा की उम्मीदें बरकरार हैं।
कड़े ड्रा का शिकार बनी विनेश
गैर ओलंपिक वर्ग में कोमल गोले ने तुर्की की बेस्टी अलतुग के खिलाफ बेहद रक्षात्मक रवैया अपनाया और 72 किग्रा क्वालीफिकेशन में 1-4 से हार गयी जबकि ललिता को 55 किग्रा में मंगोलिया की बोलोरतुया बात ओचिर ने आसानी से 3-10 से शिकस्त दी। ललिता और कोमल दोनों प्रतियोगिता से भी बाहर हो गयी हैं क्योंकि लोरतुया और अलतुग दोनों क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रही। विनेश को 53 किग्रा में बेहद कड़ा ड्रा मिला है। उन्होंने पहले दौर में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सोफिया मैटसन को 13-0 से हराकर शानदार शुरुआत की लेकिन विश्व में नंबर दो मुकैदा के सामने विनेश अपनी आक्रामक रणनीति पर कायम नहीं रही और 0-7 से हार गयी।
मुकैदा ने शानदार डिफेंस के दम पर जीता मैच
पहले 60-70 सेकेंड में कोई अंक नहीं बना क्योंकि तब दोनों खिलाड़ी एक दूसरे को परख रही थी। इसके बाद जापानी पहलवान ने दबदबा बनाया और विनेश ने लगातार अंक गंवाये। विनेश को आक्रामक होने की जरूरत थी लेकिन मुकैदा का रक्षण शानदार था। भारतीय ने दो बार मुकैदा के पांवों को कब्जे में लाने की कोशिश की लेकिन वह अंक नहीं बना पायी।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)