जापान की बात पर सहमत हुआ IOC, ओलंपिक खेल 1 साल के लिए टले

जापान ने वैश्विक स्तर पर फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण तोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों को एक साल के लिये स्थगित करने के लिये कहा है और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) इस पर सहमत है। जिसके बाद ओलंपिक खेलों को 1 साल के लिए टाल दिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2020 1:01 PM IST / Updated: Mar 24 2020, 06:48 PM IST

तोक्यो. जापान के प्रधानमंत्री और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रमुख विश्व भर में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण तोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों को एक साल के लिये स्थगित करने पर सहमत हो गये हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा, ‘‘मैंने खेलों को एक साल के लिये स्थगित करने की पेशकश की और (आईओसी अध्यक्ष थामस) बाक ने इस पर शत प्रतिशत सहमति जतायी। जिसके बाद ओलंपिक खेलों को 1 साल के लिए टाल दिया गया है। अब ओलंपिक साल 2021 में जुलाई के महीने में आयोजित होंगे। 

यह तोक्यो शहर के लिये बड़ा झटका है जिसकी ओलंपिक खेलों की तैयारियों के लिये अब तक काफी सराहना हुई है। खेलों के लिये स्टेडियम काफी पहले तैयार हो गये थे और बड़ी संख्या में टिकट भी बिक गये थे।

कोरोना के कारण हो रही थी ओलंपिक टालने की मांग
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में अब तक 17,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ओलंपिक का आयोजन पहले इसी साल 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच टोक्यो में होना था। कोरोना के कहर कारण कई देशों के खिलाड़ी ओलंपिक को स्थगित करने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद ओलंपिक समिति ने यह कदम उठाया है। 

1948 से लगातार आयोजित हो रहे हैं ओलंपिक 
ओलंपिक को अब बहिष्कार, आतंकी हमले और विरोधों का सामना करना पड़ा है लेकिन 1948 के बाद इन्हें हर चार साल में आयोजित किया जाता रहा है। यह दुनिया भर में हजारों लोगों की जान लेने वाले कोरोना वायरस से प्रभावित सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता होगी। इस महामारी के कारण दुनिया भर की खेल प्रतियोगिता ठप्प पड़ी हुई हैं। आईओसी पर 24 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों को स्थगित करने का दबाव लगातार बढ़ रहा था क्योंकि कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया में एक अरब 70 करोड़ लोग घरों में बंद हैं।

कोरोना के चलते प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे खिलाड़ी 
अधिकतर खिलाड़ियों के लिये ओलंपिक की तैयारियां करना मुश्किल हो गया था क्योंकि इससे उनके बीमारी से सक्रमित होने का खतरा था। विभिन्न प्रतियोगिताएं और क्वालीफायर्स रद्द कर दी गयी थी और अंतरराष्ट्रीय यात्रा सीमित कर दी गयी हैं। आईओसी ने रविवार को खेलों के भविष्य पर फैसला करने के लिये खुद के लिये चार सप्ताह की समयसीमा तय की थी। लेकिन कनाडा और आस्ट्रेलिया ने अपनी टीम भेजने से इन्कार कर दिया और बाद में प्रभावशाली अमेरिकी ओलंपिक समिति और विश्व एथलेटिक्स भी खेलों को स्थगित करने की मांग में शामिल हो गयी।

6 अरब डॉलर का अतिरिक्त खर्च आएगा 
तोक्यो ने खेलों की मेजबानी पर 12 अरब 60 करोड़ डालर खर्च किया है और इसके ताजा बजट को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि खेलों को स्थगित करने से छह अरब डालर का अतिरिक्त खर्चा होगा। यह प्रायोजकों और प्रमुख प्रसारकों के लिये भी करारा झटका है जो कि विज्ञापन से होने वाले राजस्व के लिये हर चार साल में होने वाले खेल महाकुंभ का इंतजार करते हैं।

यह पहला अवसर नहीं है जबकि तोक्यो ने खेलो के कार्यक्रम में बदलाव देख रहा है। इससे पहले उसे 1940 में भी मेजबानी मिली थी लेकिन चीन के साथ जापान के युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसे इससे हटना पड़ा था।

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