पाकिस्तानी पहलवानों को वीजा नहीं देने से भारत को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ता जिसमें भारतीय कुश्ती महासंघ पर विश्व संस्था से संभावित प्रतिबंध भी शामिल था और वो भी ओलंपिक वर्ष में।
नई दिल्ली. पाकिस्तानी पहलवानों की यहां एशियाई चैम्पियनशिप में खेलने पर अनिश्चितता आखिरकार सरकार द्वारा वीजा देने के बाद खत्म हो गयी लेकिन चीन के पहलवानों की भागीदारी पर फैसला सोमवार को ही पता चल पायेगा। भारतीय कुश्ती महासंघ के अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के सहायक सचिव विनोद तोमर ने को पुष्टि की कि कई दिनों की अनिश्चितता के बाद पाकिस्तान के पूरे दल को वीजा प्रदान कर दिया गया।
तोमर ने कहा, ‘‘शनिवार को पूरे पाकिस्तानी दल को वीजा दे दिया गया। मैंने शुक्रवार को खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया से मुलाकात की और उन्होंने तुरंत ही गृह सचिव से इस मामले पर बात की जिसके बाद वीजा जारी कर दिये गये। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने भी इस पूरी प्रक्रिया में अहम भूमिका अदा की। ’’
पुलवामा हमले के बाद भारत आने वाली पहली पाकिस्तानी टीम
पाकिस्तान 18 से 23 फरवरी तक यहां चलने वाली चैम्पियनशिप में चार फ्रीस्टाइल पहलवान, एक कोच और एक रैफरी का दल भेज रहा है। इस तरह पिछले साल फरवरी में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत में किसी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने वाली यह पहली पाकिस्तानी टीम होगी। चार पाकिस्तानी पहलवान मुहम्मद बिलाल (57 किग्रा), अब्दुल रहमान (74 किग्रा), तैयब रजा (97 किग्रा) और जमान अनवर (125 किग्रा) हैं।
मजबूरी में पाकिस्तान को दिया वीजा, चीन पर सस्पेंस
पाकिस्तानी पहलवानों को वीजा नहीं देने से भारत को गंभीर नतीजों का सामना करना पड़ता जिसमें भारतीय कुश्ती महासंघ पर विश्व संस्था से संभावित प्रतिबंध भी शामिल था और वो भी ओलंपिक वर्ष में। हालांकि अभी तक चीन के 40 सदस्यीय कुश्ती दल के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है क्योंकि खतरनाक कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उनके यात्रा संबंधित दस्तावेजों को अभी तक मंजूरी नहीं दी गयी है जिसके कारण वहां से आने वाले लोगों पर कई यात्रा प्रतिबंध लगे हैं। सरकार ने चीन के लोगों के सभी ई वीजा रद्द कर दिये हैं क्योंकि वहां अब तक 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी है।
तोमर ने कहा, ‘‘चीन के दल को अभी तक वीजा नहीं दिया गया है और उनकी भागीदारी के संबंध में फैसला सोमवार को ही पता चल पायेगा। चीन का मुद्दा गंभीर है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण वैश्विक खतरा बन गया है। ’’
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)