कोरोना के खतरे के बीच डरते हुए तैयारी कर रहे हैं खिलाड़ी, ओलंपिक रद्द हुए तो बेकार जाएगी सारी मेहनत

Published : Mar 22, 2020, 06:14 PM IST
कोरोना के खतरे के बीच डरते हुए तैयारी कर रहे हैं खिलाड़ी, ओलंपिक रद्द हुए तो बेकार जाएगी सारी मेहनत

सार

मीराबाई ने कहा, ‘‘अगर ओलंपिक नहीं हुए तो हमारे पिछले चार वर्षों की मेहनत बेकार चली जायेगी। मैं नहीं चाहती कि ये रद्द हों, मैं रोज भगवान से प्रार्थना कर रही हूं। मैं बस खुद के लिये एक ओलंपिक पदक चाहती हूं। 

नई दिल्ली. भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू आजकल सिर्फ एक प्रार्थना करने में लगी हुई हैं कि कोविड-19 महामारी के बावजूद तोक्यो ओलंपिक कार्यक्रम के अनुसार आयोजित हों, वर्ना ओलंपिक पदक जीतने की उनकी सारी मेहनत बेकार चली जायेगी।

पिछले चार वर्षों से मीराबाई ने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने के लिये काफी मेहनत की है लेकिन इस समय सिर्फ वह यही बात सोच सकती है कि 24 जुलाई से नौ अगस्त तक होने वाले तोक्यो खेलों का क्या होगा जिन्हें कोविड-19 के कारण स्थगित किया जा सकता है।

प्रैक्टिस के साथ प्रार्थना भी जरूरी 
भारत में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 324 हो गयी है जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया भर में इससे मरने वालों की संख्या 13,000 से ऊपर पहुंच गयी है जिसमें इटली सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मीराबाई ने कहा, ‘‘अगर ओलंपिक नहीं हुए तो हमारे पिछले चार वर्षों की मेहनत बेकार चली जायेगी। मैं नहीं चाहती कि ये रद्द हों, मैं रोज भगवान से प्रार्थना कर रही हूं। मैं बस खुद के लिये एक ओलंपिक पदक चाहती हूं। ’’ मीराबाई का एकमात्र ओलंपिक अभियान निराशाजनक तरीके से खत्म हुआ था क्योंकि वह क्लीन एवं जर्क वर्ग में अपने तीन प्रयासों में वजन उठाने में असफल रही थीं। 

ओलंपिक स्थगित करने की उठ रही मांग 
कोविड-19 ने पूरी दुनिया के खेलों को बुरी तरह प्रभावित किया है, ज्यादातर टूर्नामेंट या तो रद्द हो गये हैं या फिर उन्हें स्थगित करना पड़ा है। तोक्यो खेलों को कोरोना वायरस के प्रकोप के कम होने तक स्थगित करने की मांग की जा रही है और कई खिलाड़ियों ने ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की ट्रेनिंग जारी रखने की सलाह की आलोचना भी की है जबकि पूरी दुनिया में सरकार सामाजिक दूरी बनाने की बात कर रही हैं।

ट्रेनिंग के लिए चिंतित नहीं हैं मीराबाई 
हालांकि दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदकधारी मीराबाई चाहती है कि इनका आयोजन योजना के अनुसार ही हो। वह पहले ही ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पदक जीतने का दबाव अब बदल गया है कि ओलंपिक खेलों को रद्द नहीं होना चाहिए। मैं बस यही सोच रही हूं। बाकी ट्रेनिंग वगैरह के लिये मैं इस समय इतनी चिंतित नहीं हूं। ’’

मीराबाई ने कहा, ‘‘अगर ये स्थगित हो गये तो भी काफी समस्या होगी क्योंकि हमारे लिये इतने थोड़े समय में ही काफी कुछ बदल जायेगा। ’’ भारोत्तोलन का ओलंपिक क्वालीफाइंग कार्यक्रम भी प्रभावित हुआ है। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) को पांच महाद्वीपीय चैम्पियनशिप को रद्द कर दिया जिसमें एशियाई क्वालीफायर भी शामिल है।

यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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