दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने सीआईसी (CIC) के आदेश के खिलाफ हॉकी इंडिया (Hockey India) को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है।
स्पोर्ट्स डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने गुरुवार को कुछ जानकारी का खुलासा करने से संबंधित केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) के 13 दिसंबर, 2021 के आदेश के खिलाफ हॉकी इंडिया (Hockey India) को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट में गुरुवार को केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ हॉकी इंडिया की याचिका पर सुनवाई हुई। सीआईसी ने हाल ही में हॉकी इंडिया के अधिकारियों को कुछ जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था। सीआईसी ने सूचना के अधिकार के तहत हॉकी इंडिया के सदस्यों और कर्मचारियों के वेतन की सूची सार्वजनिक करने को कहा था।
कोर्ट ने क्या कहा....
इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, "सार्वजनिक प्राधिकरण को ऐसी जानकारी का खुलासा करने में संकोच नहीं करना चाहिए, क्योंकि न्यायाधीशों का वेतन भी सभी को पता है।"
हॉकी इंडिया ने अपनी दलील में क्या कहा....
इस केस में हॉकी इंडिया की ओर से एडवोकेट श्येल त्रेहन ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा, "सीआईसी पूरी तरह से दिमाग के गैर-अनुप्रयोग से ग्रस्त है, जितना कि यह पूरी तरह से मनमाना है, क़ानून के विपरीत है, और इसके द्वारा निर्धारित कानून के विपरीत है।" न्यायालय और उसके अपने निर्णय।"
आईटीआई कार्यकर्ता ने मांगी है हॉकी इंडिया से सूची
आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने आरटीआई (RTI) आवेदन के माध्यम से हॉकी इंडिया के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के संबंध में हॉकी इंडिया से संबंधित जानकारी मांगी थी।
मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को
कोर्ट ने केंद्र द्वारा जवाब प्रस्तुत किए जाने के बाद हॉकी इंडिया को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया कि 13 दिसंबर, 2021 के आदेश के तहत केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा निर्देशित जानकारी भारतीय संघ द्वारा जारी राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप है। केंद्र की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन दत्ता ने इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 20 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया।
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