Thomas Cup में भारत पहली बार फाइनल में पहुंचा, पदक पक्का, एचएस प्रणय के जज्बे ने रचा भारत का स्वर्णिम इतिहास


थामस कप में भारत ने इतिहास रच दिया है। भारतीय खिलाड़ी एचएस प्रणय के जज्बे और टीम की मेहनत की बदौलत भारत पहली बार फाइनल में पहुंचा है। भारत ने सेमीफाइन में 2016 के चैंपियन को हराकर अपना पदक पक्का किया।

Dheerendra Gopal | Published : May 13, 2022 6:58 PM IST

बैंकॉक। भारत ने थॉमस कप के फाइनल में पहुंच कर इतिहास रच दिया है। डेनमार्क को 3-2 से हराकर पहली बार थॉमस कप फाइनल में पहुंचे एचएस प्रणय ने सेमीफाइनल के एक निर्णायक मैच में रासमस गेम्के को हराकर इतिहास बना दिया। इसके साथ ही भारत के पास अब टूर्नामेंट में कम से कम रजत पदक की गारंटी है।

इंडियन कोच बोले: हमारे लड़कों को यह उपलब्धि करेगी प्रेरित

इंडिया बैडमिंटन एसोसिएशन के हेड कोच और बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष पुलेला गोपीचंद ने एशियानेट न्यूज को बताया कि यह उपलब्धि भारत में बैडमिंटन के विकास को और प्रेरित करेगी। यह पहली बार है जब हमारे लड़कों ने थॉमस कप फाइनल में प्रवेश किया है। पूरे दौरे में टीम का ओवरऑल मैनेजमेंट शानदार रहा। जीत को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ा गया था। 

और रच गया इतिहास...

एच एस प्रणय ने निर्णायक पांचवें मैच में बेहतरीन जज्बा दिखाया जो अविस्मरणीय है। उनके खेल की बदौलत भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने यहां रोमांचक सेमीफाइनल में डेनमार्क को 3-2 से हराकर थॉमस कप के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। भारतीय टीम 1979 के बाद से कभी भी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सकी थी। लेकिन इस बार 2016 के चैम्पियन डेनमार्क को हरा दिया। 

प्रणय ने संभाल लिया शानदार तरीके से...

विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता किदाम्बी श्रीकांत तथा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की युगल जोड़ी ने भारत को फाइनल की दौड़ में बनाए रखा, लेकिन 2-2 की बराबरी के बाद एच एस प्रणय ने टीम को इतिहास रचने में मदद की। दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी रास्मस गेमके के खिलाफ प्रणय को कोर्ट पर फिसलने के कारण टखने में चोट भी लगी लेकिन इस भारतीय ने ‘मेडिकल टाइमआउट’ लेने के बाद मुकाबला जारी रखा।

प्रणय कोर्ट पर दर्द में दिख रहे थे लेकिन इस परेशानी के बावजूद उन्होंने 13-21, 21-9, 21-12 से जीत दर्ज कर भारत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। भारतीय टीम का यह शानदार प्रदर्शन रहा जिसने गुरूवार को पांच बार की चैम्पियन मलेशिया को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाकर 43 साल के इंतजार को खत्म किया था। विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन हालांकि अपने प्रदर्शन का दोहराव नहीं कर सके और विक्टर एक्सेलसेन से 13-21, 13-21 से हार गए जिससे डेनमार्क ने 1-0 की बढ़त बनायी। 

पहला गेम गंवाने के बाद भी जीत ली बाजी

रंकीरेड्डी और शेट्टी ने पहले युगल मुकाबले में जीत हासिल की। भारतीय जोड़ी ने दूसरे मैच में किम अस्ट्रूप और माथियास क्रिस्टियनसेन को 21-18, 21-23, 22-20 से हराकर भारत को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। फिर दुनिया के 11वें नंबर के खिलाड़ी श्रीकांत ने दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को 21-18, 12-21, 21-15 से हराकर 2-1 की बढ़त दिलायी।
भारत की कृष्णा प्रसाद गारागा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की दूसरी युगल जोड़ी को एंडर्स स्कारूप रास्मुसेन और फ्रेडरिक सोगार्ड से 14-21, 13-21 से हार का सामना करना पड़ा। इससे दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं। पर अनुभवी भारतीय प्रणय ने पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलायी।

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