Tokyo Olympics 2020: पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, चीनी खिलाड़ी को हराकर जीता ब्रॉन्ज मेडल, पीएम मोदी ने दी बधाई

पीवी सिंधु ने मैच में अच्छी शुरुआत की और चीन की खिलाड़ी के खिलाफ शुरुआत में ही बढ़त बना ली थी। सिंधु ने शुरू से ही आक्रामक खेल दिखाया। पहले गेम में सिंधु ने 21-13 से जीत हासिल की जबकि दूसरा गेम उन्होंने 21-15 से जीता। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 1, 2021 12:27 PM IST / Updated: Aug 01 2021, 07:28 PM IST

टोक्यो.  टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को हराकर मेडल अपने नाम किया। टोक्यो ओलंपिक में ये भारत का दूसरा मेडल है। इससे पहले मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता था। पीवी सिंधु ने बिंग जियाओ के खिलाफ मैच जीतकर कांस्य पदक अपने नाम करते ही इतिहास रच दिया है। वह भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिसने ओलिंपिक में दो पदक जीते हों। सिंधु ने इससे पहले रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। 

 

 

पीवी सिंधु ने मैच में अच्छी शुरुआत की है और विरोधी खिलाड़ी के खिलाफ शुरुआत में ही बढ़त बना ली थी। सिंधु ने शुरू से ही आक्रामक खेल दिखाया। पहले गेम में सिंधु ने 21-13 से जीत हासिल की। वहीं दूसरे गेम को भी सिंधु ने 21-15 से जीत लिया।

पीएम मोदी ने दी बधाई
पीवी सिंधु की जीत पर पीएम मोदी ने बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- पीवी सिंधु के शानदार प्रदर्शन से हम सभी उत्साहित हैं। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर उन्हें बधाई। यह भारत का गौरव हैं और हमारे सबसे उत्कृष्ट ओलंपियनों में से एक हैं। 

 

 

 

राष्ट्रपति ने दी बधाई
पीवी सिंधु की जीत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- पीवी सिंधु दो ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उसने निरंतरता, समर्पण और उत्कृष्टता का एक नया पैमाना स्थापित किया है। भारत को गौरवान्वित करने के लिए उन्हें मेरी हार्दिक बधाई।

 

दोनों के रिकॉर्ड
इस मैच से पहले दोनों के बीच के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो चीनी खिलाड़ी की पलड़ा भारी रहा है। सिंधु उनसे सिर्फ छह मैच ही जीत पाई हैं जबकि चीनी खिलाड़ी ने 9 बार जीत हासिल की है।

 

 

ओलंपिक में आज भारत का दिन
भारत के पुरुष मुक्केबाज सतीश कुमार 91 किलोग्राम भारवर्ग के मुकाबले में क्वार्टर फाइनल में उतरे थे। लेकिन वो अपना मुकाबला हार गए और पदक से चूक गए। वहीं, पुरूष हॉकी टीम में भारत के पास अंतिम चार में पहुंचने का मौका है। 
 

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