Tokyo Olympics 2020: चीनी खिलाड़ी का नहीं हुआ डोप टेस्ट, मीराबाई चानू को सिल्वर से होना होगा संतुष्ट

महिला वेटलिफ्टिंग 49 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक चीन की झिहुई होउ के पास रहेगा और मीराबाई चानू रजत पदक विजेता बनी रहेंगी, क्योंकि चीनी खिलाड़ी का डोप टेस्ट नहीं हुआ।

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2021 5:35 AM IST

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) के महिला वेटलिफ्टिंग 49 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल चीन की झिहुई होउ के पास ही रहेगा और भारत की मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) सिल्वर मेडल विजेता बनी रहेंगी। इससे पहले, बताया जा रहा था कि, चीनी वेटलिफ्टर पर डोप का शक गहरा रहा था सूत्रों की मानें तो चीन की होउ जिहूई (Hou Zhihui) के ए-सैंपल में संदेह होने पर उनको बी-सैंपल के लिए बुलाया जाना था, लेकिन फिर चीनी वेटलिफ्टर का डोप टेस्ट नहीं हुआ। समिति ने यह स्पष्ट किया कि होउ को डोपिंग रोधी परीक्षण के लिए नहीं लिया गया। इसके अलावा, नियमित डोपिंग रोधी प्रक्रियाएं जो 49 किग्रा प्रतियोगिता के बाद हुई, उससे डोपिंग जैसा कोई शक नहीं हुआ। इसके बाद फैसला लिया गया, कि चीनी होउ जिहूई का पदक बरकरार रहेगा। 

बता दें कि चीन के झिहुई होउ ने शनिवार को कुल 210 किग्रा के साथ महिला वेटलिफ्टिंग 49 किग्रा वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था और एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया था। वहीं, भारतीय खिलाड़ी मीराबाई चानू ने इस प्रतियोगिता में सिल्वर जीतकर भारत के लिए पदक तालिका की शुरुआत की थी। हालांकि, मैच के बाद से चीनी खिलाड़ी के डोप टेस्ट को लेकर सवाल किए जा रहे थे। ऐसे में अगर गोल्ड मेडल जीतने वाली चीन की होउ जिहूई का बी सैंपल भी पॉजिटिव आता, तो उनसे गोल्ड छीनकर उनको डिस्क्वालिफाई करते हुए दूसरे स्थान वाले को विजेता घोषित कर दिया जाता। 

इस सिल्वर मेडल के साथ ही मीराबाई चानू ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय वेटलिफ्टर बन गई हैं। उनसे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 सिडनी खेलों में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था।

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