
स्पोर्ट्स डेस्क: संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) ने बीजिंग में आयोजित होने वाले शीतकालीन ओलंपिक 2022 (Winter Olympics 2022) का राजनयिक बहिष्कार कर दिया है। अमेरिका ने एक बयान जारी कर घोषणा की है कि वह शीतकालीन ओलंपिक 2022 में अपना आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को इस बार में जानकारी साझा करते हुए कहा, "बाइडेन प्रशासन चीन के 'शिनजियांग में चल रहे नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों' के खिलाफ एक प्रतिक्रिया के रूप में बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक में एक आधिकारिक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेगा।"
अमेरिकी एथलीट ले सकेंगे भाग:
अमेरिका ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी एथलीटों को ओलंपिक में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन प्रशासन सरकारी अधिकारियों को खेलों में नहीं भेजेगा। पैरालंपिक खेलों के लिए भी यही नीति लागू होती है, जो बीजिंग में भी हो रहे हैं। इस निर्णय से साफ हो गया है कि सरकार के इस फैसले से खिलाड़ियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा।
अमेरिका ने क्यों उठाया ऐसा कदम:
अमेरिका ऐसा कदम उठाकर चीन को कड़ा संदेश देना चाहता है। चीन में लगातार मानवाधिकारों का उल्लंघन हो हो रहा है। उइगर मुसलमानों के साथ हो रहा बर्ताव किसी से छुपा नहीं है। साकी ने कहा, "यह कदम चीन के पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में जबरन श्रम और मानवाधिकारों के हनन के आरोपों पर चीन पर अमेरिका द्वारा दबाव में वृद्धि का प्रतीक है, विशेष रूप से उइगर आबादी और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ घृणित व्यवहार।"
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव साकी ने कहा, "अमेरिकी राजनयिक या आधिकारिक प्रतिनिधित्व पीआरसी के शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और अत्याचारों के सामने इन खेलों को हमेशा की तरह व्यापार के रूप में मानेंगे, और हम बस ऐसा नहीं कर सकते। खेलों के राजनयिक बहिष्कार का मतलब यह नहीं है कि यह उन चिंताओं का अंत है जो मानवाधिकारों का हनन करके किया जा रहा है। अमेरिका आगे भी मजबूती से इस मुद्दे को उठाएगा।"
अमेरिका ने 1980 के ओलंपिक का पूरी तरह से किया था बहिष्कार:
ऐसा नहीं है कि अमेरिका ने पहली बार ऐसा कोई सख्त कदम उठाया है इससे पहले पिछली बार 1980 में अमेरिका ने ओलंपिक खेलों का पूरी तरह से बहिष्कार किया था। तब जिमी कार्टर अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर थे। तब कार्टर ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सैन्य उपस्थिति का विरोध करने के लिए मास्को में ग्रीष्मकालीन खेलों में एथलीटों को भाग लेने से रोक दिया था। कार्टर अपनी स्पष्ट नीति और कड़े फैसलों के लिए जाने जाते थे। अब पूरे 41 साल बाद अमेरिका ने फिर से कड़ा कदम उठाया है।
यह भी पढ़ें: