बुजुर्ग महिला की दुखभरी कहानी सुन इमोशनल हुई लेडी कॉप, फिर निभाया एक बेटी का रोल

महेसाणा जिले की 80 वर्षीय सीता बेन अपने पति की मौत के बाद से अलग रह रही थी। इस दौरान बुजुर्ग को बच्चों ने घर से निकाल दिया और उसके साथ मारपीट भी की। महिला की दुखभरी कहानी सुनकर डीवायएसपी मंजिता वणजारा  ने एक बेटी की तरह फर्ज निभाकर वृद्धा को वृद्धाश्रम में पहुंचाया।

Arvind Raghuwanshi | Published : Sep 21, 2019 7:43 AM IST / Updated: Sep 21 2019, 01:18 PM IST

अहमदाबाद. महेसाणा जिले की 80 वर्षीय सीता बेन अब वृद्धाश्रम में रहेंगी। हाल ही में बुजुर्ग महिला ने अपने बेटों से तस्त्र होकर पुलिस थाने में जाकर विनती की थी। इस दौरान वह डीवायएसपी मंजिता के पास जाकर अपना दु:खड़ा सुनाने लगी। तब लेडी अफसर ने एक बेटी की तरह फर्ज निभाकर  वृद्धा को अपनी गाड़ी से वृद्धाश्रम ले गई। जहां उन्होंने एक साल का खर्च भुगतान भी किया।

पुलिस से बोली बुजुर्ग महिला- मुझे जीने दो या जहर दे दो
दरअसल ये मामला गुजरात के महेसाणा थाने में उस वक्त सामने आया जब  80 वषीर्य सीता बेन बेटों से प्रताड़ित होकर महिला थाने के सहायता केंद्र में मदद की गुहार लगाने पहुंची थी। लेकिन यहां उसको न्याय मिलना तो दूर की बात है, महिला को बुरी तरह से दुत्कार दिया गया। वह डीवायएसपी मंजिता वणजारा से मिलना चाहती थी। आखिर में लेडी अफसर ने उसको अपने पास बुलाकर उसकी दुख भरी कहानी सुनी। महिला ने रोते हुए कहा मैडम में कहां रहूंगी बेटे मुझसे मेरी जमीन हड़पना चाहते हैं। वो मेरे साथ मारपीट भी करते हैं। बुजुर्ग ने कहा मैं वृद्धाश्रम में रह लूंगी। लेकिन मेरे पास कोई पैसा नहीं है।

एक बेटी की तरह निभाया फर्ज
बुर्जुग महिला की कहानी सुनकर पुलिस अफसर मंजिता  ने एक बेटी की तरह महिला का सारा बोझ उतार दिया और उनको आश्रम छोड़ दिया। साथ ही एक साल का सारा खर्च भी दे दिया। डीवायएसपी मंजिता ने बताया कि वह बुरी तरह से अपने बेटों से काफी डरी हुई थी। वह बहुत परेशान थी। इसलिए मैंने कोई अधिकारी ने रुप में नहीं, बल्कि एक बेटी के रुप में उनकी परेशानियों को समझकर  वृद्धाश्रम में छोड़ आई।

बुजुर्ग महिला ने पुलिस को सुनाया अपना दर्द
पीड़िता  80 वषीर्य सीता ने बताया, उसके पति की 2004 में मौत हो गई थी। लेकिन दो साल बाद ही उसके दो बेटों ने मुझे साथ रखने से मना कर दिया। इस वजह से वह अलग रहने लगी, लेकिन मेरी औलादे यहां भी मुझे सुकून से नहीं रहने दे रही हैं। वो आए दिन मेरे घर आकर धमाते हैं। मेरे पास पति की 6 बीघा जमीने है जिस पर उनकी नजर है। वो इस जमीन को मुझसे हड़पना चाहते हैं। दोनों बेटे कागजात पर जबरन अंगूठा लगाने का दबाव डालते हैं। जब मैंने अंगूठा लगाने से मना कर दिया तो उन्होंने मेरे साथ मारपीट शुरु कर दी। मेरा आधार कार्ड और दूसरे जरुरी कागजात भी वह छीनकर ले गए।


 

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