अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए 4 नेताओं को रिहा किया गया, लेकिन अब भी उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं

Published : Feb 02, 2020, 09:25 PM IST
अनुच्छेद 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए 4 नेताओं को रिहा किया गया, लेकिन अब भी उन्हें घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं

सार

 जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एमएलए हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखे गए चार नेताओं को रविवार को रिहा कर दिया जिसे अस्थायी तौर पर एक उपजेल में तब्दील कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि रिहा किये गए नेताओं में से तीन नेशनल कान्फ्रेंस जबकि एक पीडीपी का है।  

श्रीनगर.  जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एमएलए हॉस्टल में एहतियातन हिरासत में रखे गए चार नेताओं को रविवार को रिहा कर दिया जिसे अस्थायी तौर पर एक उपजेल में तब्दील कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि रिहा किये गए नेताओं में से तीन नेशनल कान्फ्रेंस जबकि एक पीडीपी का है।

अपने घरों तक ही रहना होगा सीमित

उन्होंने कहा कि चारों को उनके घरों को भेज दिया गया है और उनसे फिलहाल अपने घरों तक ही सीमित रहने को कहा गया है। इन नेताओं में अब्दुल माजिद भट लरनी, गुलाम नबी भट और डा. मोहम्मद शफी (सभी नेशनल कान्फ्रेंस) और मोहम्मद यूसुफ भट (पीडीपी) शामिल हैं। इन नेताओं को गत वर्ष पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने के बाद कई अन्य नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों के साथ हिरासत में रखा गया था।

हिरासत में लिए गए है तीन पूर्व मुख्यमंत्री

अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त किये जाने के बाद हिरासत में रखे गए अन्य प्रमुख नेताओं में नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जे के पीपुल्स कान्फ्रेंस नेता सज्जाद गनी लोन शामिल हैं। इन नेताओं को अभी भी रिहा नहीं किया गया है। फारुक अब्दुल्ला को जहां उनके गुपकर स्थित आवास में रखा गया है वहीं उनके पुत्र एवं नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हरि निवास में हिरासत में रखा गया है।

महबूबा को श्रीनगर में रखा गया

चश्माशाही हट्स में रखी गईं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को अब श्रीनगर के बीचोंबीच स्थित एक सरकारी इमारत में स्थानांतरित कर दिया गया है।  फारुक अब्दुल्ला पर गत 17 सितम्बर को जन सुरक्षा अधिनियम लगाया गया था जिसे 16 दिसम्बर को तीन महीने के लिए नवीनीकृत कर दिया गया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

( फाइल फोटो )

PREV

Recommended Stories

कौन हैं गोवा के 'बर्च बाय रोमियो लेन' का मालिक, यह क्लब किस लिए फेमस
Goa Night Club : चश्मदीद ने बताया कैसे डांस फ्लोर पर बिछीं लाशें, सिर्फ चीख रहे थे लोग