कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे ऐसे सैकड़ों वॉरियर्स हैं, जो अपने घर-परिवार, बीवी-बच्चों से कई दिनों तक नहीं मिल पा रहे हैं। संक्रमण के डर से वे घर नहीं आ रहे। अगर कई दिनों बाद कुछ समय के घर आते हैं, तो बाहर ही बैठे रहते हैं। बाहर ही खाना खाकर फिर ड्यूटी पर लौट जाते हैं। ये हैं अहमदाबाद में सीआईडी क्राइम ब्रांच के एसपी हरेश दूधात। ये अपनी बेटी के जन्मदिन पर ऐसे मिले।
अहमदाबाद, गुजरात. कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने वॉरियर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मुस्तैदी से ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे ऐसे सैकड़ों वॉरियर्स हैं, जो अपने घर-परिवार, बीवी-बच्चों से कई दिनों तक नहीं मिल पा रहे हैं। संक्रमण के डर से वे घर नहीं आ रहे। अगर कई दिनों बाद कुछ समय के घर आते हैं, तो बाहर ही बैठे रहते हैं। बाहर ही खाना खाकर फिर ड्यूटी पर लौट जाते हैं। ये हैं अहमदाबाद में सीआईडी क्राइम ब्रांच के एसपी हरेश दूधात। ये अपनी बेटी के जन्मदिन पर ऐसे मिले।
15 दिन बाद घर आए और बाहर बैठकर खाना खाकर चले गए...
हरेश दूधात 15 दिनों बाद अपने घर आए थे। वो भी इसलिए, क्योंकि उनकी बेटी का जन्मदिन था। हालांकि वे बेटी को प्यार नहीं कर सके। घर के बाहर बरामदे में बैठकर ही उन्होंने खाना खाया और फिर ड्यूटी पर लौट गए। इस दौरान उनकी बेटी दरवाजे के पीछे खड़ी रही। वो मुस्करात हुए लगातार पापा का देखती रही। पिता भी अपने बेटी को देखकर मुस्कराते रहे। यह तस्वीर हरेश की पत्नी ने पीछे से अपने मोबाइल से खींची।
दम्पती अलग-अलग ड्यूटी पर..
ये हैं पंजाब के पठानकोट के कोरोना वॉरियर दम्पती। पति दविंद्र प्रकाश थाना-2 में एसएचओ हैं, जबकि पत्नी डॉ. मिकी सिविल अस्पताल में कार्यरत। यह दम्पती कोरोना काल में फ्रंटलाइन पर ड्यूटी कर रहे हैं। डॉ. मिकी सिविल अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी कर रही हैं। डॉ. मिकी गर्भवती हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने उनसे लीव लेने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। दम्पती कहते हैं कि इस समय ड्यूटी सबसे महत्वपूर्ण है।