छत्तीसगढ़ के CM ने संघ पर साधा निशाना, कहा- भारतीय नहीं है वेशभूषा और वाद्ययंत्र

बघेल ने कहा कि आज जो लोग नेहरू जी का कद कम करना चाहते हैं, दरअसल वह लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। वह नेहरू जी का कद इसलिए कम करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जो लकीर खींची थी उस लकीर तक पहुंचना उनके लिए दूर की बात है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 15, 2019 6:49 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बृहस्पतिवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को घेरा और कहा कि संघ की वेशभूषा और वाद्ययंत्र भारतीय नहीं है।

बघेल ने रायपुर के राजीव भवन में नेहरू जयंती व्याख्यान देते हुए कहा कि जिस हिटलर और मुसोलिनी को आरएसएस के लोग आदर्श मानते हैं, जिससे प्रेरणा लेकर यह काली टोपी और खाकी पैंट पहनते हैं और ड्रम बजाते हैं। यह न भारत की वेशभूषा है और न ही यहां का वाद्ययंत्र है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस मुसोलिनी से मिलने दुनिया भर के नेता तरसते थे, वह कभी किसी के सम्मान में खड़े नहीं होते थे। वह मुसोलिनी नेहरू जी से मिलना चाहते थे लेकिन नेहरू जी नहीं मिले।

 नेहरू का अपमान, मतलब लोकतंत्र को कमजोर करना: बघेल 

बघेल ने कहा कि आज जो लोग नेहरू जी का कद कम करना चाहते हैं, दरअसल वह लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। वह नेहरू जी का कद इसलिए कम करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जो लकीर खींची थी उस लकीर तक पहुंचना उनके लिए दूर की बात है। इसलिए वह कद कम करने की कोशिश करते हैं।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि हमारे नेता हमेशा अपने विचारों में दृ़ढ़ रहे। उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में जेल जाना पसंद किए। गांधी जी कहते थे कि आपके कानून में इससे कड़ी सजा हो तो दीजिए क्योंकि मैने अपराध किया है। यह गांधी जी और नेहरू जी के विचार हैं। और, वहीं बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवानी हैं जिन्होंने देश भर में रथ को लेकर चले थे, उन्होंने कहा कि मैंने नहीं गिराया है। सच कहने का साहस इनमें नहीं है।

बघेल का तंज, राम मंदिर के BJP ने किया आंदोलन

बघेल ने कहा कि राम मंदिर के लिए ये लोग आंदोलन कर रहे थे जबकि कांग्रेस शुरू से कहती रही है कि जो न्यायालय फैसला करेगा हम उसका सम्मान करेंगे। जो फैसला आया भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नहीं किया यह माननीय उच्चतम न्यायालय ने किया है। ये तो केवल राजनीतिक रोटी सेकते रहे। ये अपने लिए, अपने स्वार्थ के लिए देश में आग लगाने का काम कर सकते हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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