गुजरात में एक ऐसा मामला सामने आया है कि जहां एक युवक ने मरते-मरते तीन लोगों की जिंदगी बचा ली। ब्रेन डेड मजदूर के घरवालों ने उसके दिल-किडनी और लिवर किया दान करके तीन लोगों की जिंदगी बचा ली।
सूरत. कहते हैं कि किसी की जान बचाने वावा कोई भगवान से कम नहीं होता। ऐसा ही एक मामला गुजरात में सामने आया है। जहां एक ब्रेन डेड मजदूर ने अपना दिल-किडनी और लिवर किया दान करके तीन लोगों की जिंदगी बचा ली।
अचानक युवक के मस्तिष्क से होने लगी ब्लीडिंग
दरअसल, यह मामला सूरत शहर का है। जब 9 मार्च को ओडिशा के रहने वाला 44 साल का विपिन रघु प्रधान मजदूर यहां के केपी सांघवी अस्पताल में भर्ती हुआ था। युवक के परिजनों ने बताया कि अचानक उसको बेचैनी हुई थी तो हम लोग डॉक्टर के पास ले गए। जहां उसकी सीटी स्कैन हुई और सामने आया कि प्रधान के मस्तिष्क से ब्लीडिंग हो रही थी। इसके बाद डॉक्टरों ने पीड़ित को किरन अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां शुक्रवार के दिन उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
घरवाले बोले-हम चाहते हैं, किसी और की जिंदगी बच जाए
युवक के घरवालों ने उसके शरीर के अंगों को दान देने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद एक एक एनजीओ डोनेट लाइफ से संपर्क किया। फिर डोनेट लाइफ के फाउंडर नीलेश मंडलेवाला ने बताया, 'हम तुरंत ही किरन अस्पताल पहुंचे और मरीज के परिजनों से मिले। जहां पीड़ित परिजनों ने कहा कि वह बहुत गरीब हैं। हम विपिन की जान तो नहीं बचा सके। लेकिन हम चाहते हैं कि उसके अंग किसी और के काम आ जाएं।
इस तरह बच गई तीन लोगों की जिंदगी
इसके बाद किरन अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रधान की दोनों किडनी और लीवर को अहमदाबाद के इंस्टिट्यूट ऑफ किडनी डिसीज ऐंड रिसर्च सेंटर को दे दिया गया जबकि आंखों को लोकदृष्टि आई बैंक को और दिल मुंबई के एक अस्पताल को दे दिया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी दोनों किडनियां 46 वर्षीय महिला को ट्रांसप्लांट की गईं। वहीं लीवर को एक 5 साल के बच्चे को डोनेट किया गया। इसके साथ ही उसके दिल को एक चार्टर्ड फ्लाइट से मुंबई भेजा गया और एक 56 साल की महिला की जान बचा ली। जिन तीन की जान बची है उनके परिजनों ने कहा विपिन हमारे लिए भगवान से कम नहीं था। वह मरते-मरते तीन लोगों को नई जिंदगी दे गया।