मां तुझे सलाम: जिसकी ममता के आगे कोरोना भी हार गया, डॉक्टर बोले-एक मां ही कर सकती है ये चमत्कार

कोरोना कॉल में एक खुशखबरी है कि इन नवजातों के लिए मां का दूध कोरोना संक्रमण से लड़ने की ताकत दे रहा है। जिससे वह मां से कम समय में निगेटिव होकर घर लौट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गुजरात से सामने आया है, जहां मां का दूध नवजात शिशु के लिए रक्षा कवच बना।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 6, 2020 8:42 AM IST

सूरत (गुजरात). कोरोना वायरस ने विकराल रूप धारण कर लिया है। आए दिन मामले कम होन की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। इस संक्रमण से छोटे बच्चों पर ज्यादा खतरा रहता है। क्योंकि उकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर जो होती है। लेकिन एक खुशखबरी है कि इन नवजातों के लिए मां का दूध कोरोना संक्रमण से लड़ने की ताकत दे रहा है। जिससे वह मां से कम समय में निगेटिव होकर घर लौट रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गुजरात से सामने आया है, जहां मां का दूध नवजात शिशु के लिए रक्षा कवच बना।

मुंह पर मास्क और  पीपीई किट पहन पिलातीं बच्चों को दूध
सूरत के स्मीमेर अस्पताल में कुछ समय पहले एक महिला की डिलेवरी हुई थी। लेकिन बच्चों के जन्म देने के बाद वह कोरोना से संक्रमित हो गई। अब ऐसे में परिजन दुखी हो गए कि उनके जुड़वा बच्चों का क्या होगा। डॉक्टरों ने किसी तरह महिला को हिम्मत दी और कहा बच्चों को कुछ नहीं होगा। संक्रमित होने के बाद भी महिला मुंह पर मास्क लगा और  पीपीई किट पहनकर नवजातों को रोज अपना दूध पिलाती रही। आलम यह था कि करीब एक सप्ताह तक वह मां की गोद में रहे, लेकिन वो कोरोना पॉजिटिव नहीं हुए।

4 हजार डिलेवरी में से सिर्फ 8 नवजात संक्रमित
स्मीमेर अस्पताल के गायनिक विभाग के एचओडी डॉ. अश्विन वाछानी ने बताया कि मार्च से लेकर अब तक उनकी अस्पताल में करीब 4 हजार डिलेवरी हुईं। जिनमें 103 गर्भवती कोरोना पॉजिटिव निकली, मां से सिर्फ 8 नवजात संक्रमित हुए। क्योंकि वह कोरना के नियमों का पालन करते हुए बच्चे को दूध पिला रहीं थीं। इसलिए नवजात ज्यादा संक्रमित नहीं हुए।
 

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