बुद्ध पूर्णिमा 2022 : हरिद्वार में पवित्र स्थान, हरकी पैड़ी और ब्रह्म कुंड में आस्था की डुबकी

सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक शहर में बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक है। बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर्व पर किसी भी तरह की ट्रैफिक की समस्या न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। दिल्ली-मेरठ-मुजफ्फरनगर से हरिद्वार आने वाले छोटे वाहन मंगलौर से रुड़की बाइपास होते हुए शहर में एंट्री कर सकेंगे। 

हरिद्वार : बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2022) के पावन मौके पर हरिद्वार (Haridwar) श्रद्धालुओं से पटा हुआ है। सोमवार सुबह से ही तीर्थनगरी में भक्त स्‍नान करने पहुंच गए थे। हरकी पैड़ी और ब्रह्म कुंड में आस्था की डुबकी लगाई जा रही है। गंगा घाट पर पूजा-आरती चल रहा है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए ट्रैफिक प्लान दुरुस्त रखा गया है। बड़े और छोटे वाहनों के रुट डायवर्ट किए गए हैं। सभी पुलिसकर्मियों को यातायात प्लान का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।

मेला सेल का गठन
बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए SSP डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को ही अतिरक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी थी। इसके साथ ही एक मेला सेल का भी गठन किया गया है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार को स्नान पर्व व्यवस्था का नोडल अधिकारी बनाया गया है। बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर्व पर यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं। हरकी पौड़ी का नजारा देखते ही बन रहा है। 

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कानून-व्यवस्था पर नजर
नगर क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली, प्रभारी चौकी हरकी पैड़ी प्रभारी निरीक्षक ज्वालापुर, कनखल और अन्य संबंधित थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र का लगातार जायजा ले रहे हैं। कानून व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, वाहनों की पार्किंग समेत हर व्यवस्था पर पुलिस की नजर है। संवेदनशील स्थानों पर कड़े सुरक्षा के इंतजाम है। स्नान से पहले बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर चेकिंग की गई। स्नान पर्व के लिए 7 निरीक्षक, थाना अध्यक्ष, 42 उपनिरीक्षकों, 45 हेड कांस्टेबल, 235 प्रशिक्षु कांस्टेबल और 72 महिला कांस्टेबलों की ड्यूटी लगाई गई है। ताकि व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे।

वैशाख पूर्णिमा का पावन अवसर
आज बुद्ध पूर्णिमा है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाती है। आज ही के दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु और बुद्ध के साथ चंद्र देव की भी पूजा की जाती है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विषेश महत्व होता है। यही कारण है कि तीर्थनगरी हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ा पड़ा है। रात में ही भक्त गंगा स्नान के लिए पहुंच गए थे।

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