इमरजेंसी सेवाओं की जानकारी कितनी फायदेमंद हो सकती है, इसका उदाहरण गुजरात के सूरत शहर में देखने को मिला है, जहां एक 7 साल के बच्चे ने मां को हार्ट अटैक आने से बचा लिया, जबकि वह बेहोश तक हो चुकी थीं। बच्चे की समझदारी देख डॉक्टर भी हैरान रह गए।
सूरत (गुजरात). ऐसे से बहुत से लोग हैं जिनको इमरजेंसी सेवाओं में काम आने वाले हेल्प लाइन नंबर के बारे में जानकारी नहीं होती। जबकि जरुरी है कि घर के बच्चों को भी इसके बारे में जानकारी देना चाहिए। क्योंकि कब किसको इसकी आवशक्ता पड़ जाए। यह जानकारी कितनी फायदेमंद हो सकती है, इसका उदाहरण गुजरात के सूरत शहर में देखने को मिला है, जहां एक 7 साल के बच्चे ने मां को हार्ट अटैक आने से बचा लिया, जबकि वह बेहोश तक हो चुकी थीं। बच्चे की समझदारी देख डॉक्टर भी हैरान रह गए।
बेटे ने एक फोन से अपनी मां की जिंदगी बचा ली
दरअसल, सूरत के संजय नगर में रहने वाली 40 साल की मंजू पांडे की बुधवार शाम अचानक तबीयत खराब हो गई। उनके हाथ-पैर कांपने लगे और उल्टियां होने लगीं। इतना ही नहीं वह कुछ देर बाद बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़ीं। घर पर 7 साल के बेटे राहुल के अलावा और कोई नहीं था जो महिला को अस्पताल ले जा पाता। लेकिन बेटे ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत मोबाइल से 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस को बुलाया। जिसके बाद एंबुलेंस पहुंची और महिला को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने चेकअप किया तो पता चला कि महिला को हार्ट अटैक आया था। लेकिन समय रहते और सही जानकारी के चलते बेटे ने मां की जान बचा ली।
डॉक्टर भी बच्चे की होशियारी देखकर चकित रह गए
वहीं महिला का इलाज करने वाले डॉक्टर बच्चे राहुल की समझदारी देखकर चकित थे। क्योंकि उनका कहना था कि अगर जरा सी भी देरी हो जाती तो जान भी जा सकती थी। ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रियंका ने बताया कि इतनी सी उम्र में ऐसी जानकारी होना बहुत बड़ी बात है। इससे यह पता चलता है कि हमें अपने बच्चों को इमरजैंसी सेवाओं के बारे में जानकारी देना चाहिए। इससे कितना फायदा होता है यह सब इस बच्चे से सीखने को मिलता है।
बच्चे ने बताया कैसे पता चली उसे ये जानकारी
डॉक्टरों के पूछने पर राहुल ने बताया कि एक बार मेरी बड़ी बहन ने बताया था कि किसी की अगर ज्यादा तबीयत खराब हो जाए तो सबसे पहले 108 नंबर पर फोन करके एंबुलेंस बुलाना चाहिए। जिससे समय रहती मरीज की जान बच सकती है। वहीं मंजू ने बताया कि उसे पहले से पथरी की समस्या है, जिसके चलते वह बीमार रहती है। लेकिन इनती बुरी हालत इससे पहले कभी नहीं हुई। आज बेटे ने समय रहते अपनी समझदारी से मेरी जान बचा ली।