CM पटनायक ने गांधी शांति केंद्र का किया उद्घाटन, संविधान की प्रस्तावना में अहिंसा शब्द जोड़ने की मांग की

आदित्य बिरला समूह के समर्थन से स्थापित केंद्र में छह वीथिकाएं होंगी जहां राष्ट्रपिता द्वारा प्रयुक्त लेखों एवं स्मरणीय वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा जाएगा। केंद्र 15 मार्च तक सत्य, अहिंसा एवं जैन धर्म नीति पर एक मल्टीमीडिया कार्यक्रम का आयोजन करेगा। इसके अलावा चर्चा और ‘भजन’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 12:51 PM IST

भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यहां खंडगिरि-उदयगिरि गुफाओं के पास राज्य के पहले गांधी शांति केंद्र का शनिवार को उद्घाटन किया। पांच एकड़ भूमि पर निर्मित गांधी शांति केंद्र डिजिटल संग्राहलय है जो लोगों खासकर युवाओं में गांधीवादी मूल्यों एवं सिद्धांतों को बढ़ावा देगा।

गांधी जी के 150 वें जयंती पर संविधान की प्रस्तावना में अहिंसा शब्द को जोड़ा जाए- पटनायक

आदित्य बिरला समूह के समर्थन से स्थापित केंद्र में छह वीथिकाएं होंगी जहां राष्ट्रपिता द्वारा प्रयुक्त लेखों एवं स्मरणीय वस्तुओं को प्रदर्शनी में रखा जाएगा। केंद्र 15 मार्च तक सत्य, अहिंसा एवं जैन धर्म नीति पर एक मल्टीमीडिया कार्यक्रम का आयोजन करेगा। इसके अलावा चर्चा और ‘भजन’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। राज्य सरकार ने खंडगिरि-उदयगिरि गुफाओं में विवेचना केंद्र के संचालन एवं प्रबंधन के लिए 2017 में आदित्य बिरला समूह के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे और इसका नाम सनातन गांधी शांति केंद्र रखने का फैसला किया था। यह सहमति पत्र 15 वर्षों के लिए वैध है।

पटनायक ने कहा, “गांधी जी के 150वीं जयंती वर्ष में आज यहां गांधी शांति केंद्र की स्थापना करना महत्व रखता है।” साथ ही कहा कि केंद्र गांधी जी के जीवन और कृतियों के बारे में जागरुकता फैलाने और उनके आदर्शों के महत्व को गहराई से समझने में लोगों की मदद करने के लिए संस्थागत मंच उपलब्ध कराएगा। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने गांधी जी के 150वें जयंती वर्ष में संविधान की प्रस्तावना में अहिंसा के शब्द को शामिल करने की अपनी मांग को दोहराया।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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