कांग्रेस ने पंद्रह वर्षो से गोवा में हो रहे फिल्म महोत्सव से होने वाले लाभ पर श्वेत पत्र की मांग की। करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद भी नहीं हुआ है कोई फायदा।
पणजी: गोवा में 2004 से भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का आयोजन किया जा रहा है। कांग्रेस ने पिछले पंद्रह वर्षो से आयोजित हो रहे इस फिल्म महोत्सव से गोवा को हुए लाभ पर राज्य सरकार से श्वेत पत्र की मांग की है। कांग्रेस के अनुसार, ढेर सारा धन खर्च करने के बावजूद फिल्म महोत्सव से गोवा को कोई लाभ नहीं हुआ। पार्टी ने फिल्म महोत्सव में भाजपा नीत राज्य सरकार की भूमिका की समीक्षा की मांग उठाई है।
करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद कोई फायदा नहीं
गोवा कांग्रेस की प्रवक्ता स्वाति केरकर ने दावा किया कि आयोजन पर प्रतिवर्ष 40 से 50 करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बावजूद सरकार द्वारा आई एफ एफ आई के आयोजन के लिए गठित गोवा मनोरंजन सोसाइटी (ई एस जी) की फिल्म महोत्सव में कोई निर्णायक भूमिका नहीं होती। केरकर ने मुख्यमंत्री और ई एस जी के अध्यक्ष प्रमोद सावंत से मांग की कि वह आई एफ एफ आई के आयोजन से गोवा राज्य और विशेषकर गोवा फिल्म उद्योग को हुए लाभ पर श्वेत पत्र जारी करें।
कोंकणी फिल्मों को IFFI में प्रदर्शित करने की मांग
राज्य में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित होने वाले आई एफ एफ आई पर गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने प्रश्न उठाए थे। उनकी मांग थी कि कोंकणी भाषा की फिल्मों को भी आई एफ एफ आई में इस साल प्रदर्शित किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि उनके मुख्यमंत्री रहते आई एफ एफ आई में गोवा की फिल्मों का आधिकारिक रूप से प्रदर्शन होता था।
2004 से गोवा में आई एफ एफ आई का आयोजन हो रहा है। तब मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2014 में इस महोत्सव के लिए गोवा को स्थायी आयोजन स्थल घोषित कर दिया गया था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)