चीन की लापरवाही से वुहान में फैला कोरोना वायरस, भारतीय छात्रों ने सुनाई आंखों देखी

जयमन और पटेल ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने इस बीमारी की खबर को हल्के में लिया। दोनों ने कहा कि उन्हें स्थिति की गंभीरता का अंदाज जनवरी के मध्य में हुआ। कोरोना वायरस का पहला मामला दिसंबर के अंत में सामने आया था।

वडोदरा. चीन के कोरोना वायरस से प्रभावित वुहान प्रांत से लौटकर भारत आए गुजरात के दो छात्रों ने कहा कि उन लोगों ने शुरुआत में इस महामारी को गंभीरता से नहीं लिया था।उन्होंने वुहान से सुरक्षित निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया।

दोनों छात्र चीन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं

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श्रेया जयमन (18) और वृंद पटेल (19) दोनों सहपाठी हैं और उन सैकड़ों भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने वुहान से हवाई जहाज से भारत लाया गया था। चीन से वापस आने पर उन्हें दिल्ली में आईटीबीपी के शिविर में 17 दिनों तक रखा गया, जहां से वे अब वडोदरा स्थित अपने घर आ गए हैं। वे वहां चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे थे।

वायरस का पहला मामला वुहान में पिछले साल दिसंबर में आया था

जयमन और पटेल ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने इस बीमारी की खबर को हल्के में लिया। दोनों ने कहा कि उन्हें स्थिति की गंभीरता का अंदाज जनवरी के मध्य में हुआ। कोरोना वायरस का पहला मामला दिसंबर के अंत में सामने आया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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