कमिश्नर ने रखी ऐसी शर्त कि पुलिसवाले हैरान रह गए, लेकिन इस पुलिसवाली ने उसे 3 महीने में पूरा कर दिखाया

ये हैं दिल्ली के समयपुर बादली में तैनात हेड कांस्टेबल सीमा ढका। ये पिछले 3 महीने के अंदर लापता 76 बच्चों को ढूंढ़कर उनके परिजनों तक पहुंचा चुकी हैं। सीमा के इस कार्य से खुश होकर पुलिस विभाग ने उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया है। बता दें कि 5 अगस्त को पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने सीमा को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने की घोषणा की थी।

Asianet News Hindi | Published : Nov 19, 2020 3:51 AM IST

दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली से हर साल सैकड़ों बच्चे लापता होते हैं। कुछ वापस लौट आते हैं, तो कुछ गलत लोगों के हाथ पड़ जाते हैं। पुलिस इन्हें ढूंढ़ने की लगातार कोशिश करती है। लेकिन यह मामला एक ऐसी हेड कांस्टेबल से जुड़ा है, जिसने लापता बच्चों को ढूंढ़ने का जैसा बीड़ा उठा रखा है। उसकी इसी कोशिशों का नतीजा है कि वो पिछले 3 महीने में 76 बच्चों को उनके घर तक पहुंचा चुकी है। यह हैं दिल्ली के समयपुर बादली में तैनात हेड कांस्टेबल सीमा ढका। इसी उपलब्धियों के लिए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। सीमा ने खुशी जताते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई। विभाग ने उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के काबिल समझा, यह उनके लिए गौरव की बात है।

कमिश्नर ने रखी थी शर्त
दरअसल, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने लापता बच्चों को जल्द ढूंढने के लिए एक प्रयोग किया। उन्होंने अपनी टीम के समक्ष एक शर्त रखी। इसमें कहा गया कि कोई भी कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल एक साल के अंदर 14 वर्ष से कम उम्र के कम से कम 50 बच्चों को खोज लेगा, तो उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाएगा। इनमें भी 15 बच्चों की उम्र 8 साल से कम होना अनिवार्य थी। सीमा ने महज 3 महीने में 76 बच्चे खोज निकाले। इनमें 56 बच्चे ऐसे ढूंढ़ें, जिनकी उम्र 14 साल से कम थी। ये बच्चे दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों जैसे बिहार, बंगाल आदि में मिले।

दिल्ली पुलिस के PRO अनिल मित्तल ने बताया कि इस साल 3507 बच्चों की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज की गई थी। इनमें 2629 बच्चों को ट्रेस कर लिया गया। यह दिलचस्प है कि सबसे ज्यादा बच्चे कमिश्नर की शर्त के बाद ढूंढ़े गए। 2019 में 5412 बच्चों की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इनमें 3336 बच्च मिल चुके हैं।

 

 

 

 

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