लॉकडाउन में फंसे पति की मौत, पत्नी ने पुलिस से रोते हुए कहा-मेरे पास पैसे नहीं है, उन्हें वहीं जला दो

लॉकडाउन ने गरीबों की कठिन जिंदगी में और मुश्किलें पैदा कर दी हैं। 37 वर्षीय एक शख्स गोरखपुर से मजदूरी करने दिल्ली आया था। यहां लॉकडाउन के बीच उसका काम-धंधा छूट गया। जैसे-तैसे वो अपना पेट भर रहा था कि चेचक ने उसकी जान ले ली। मृतक की पत्नी बच्चों के साथ गोरखपुर में रहती है। जब उसे पति की मौत की खबर मिली, तो वो टूट गई। लेकिन उसके पास इतना पैसा नहीं था कि पति की लाश गोरखपुर तक ले जा सके।

नई दिल्ली. लॉकडाउन ने लोगों की जिंदगी के पहिये जाम कर दिए हैं। गरीबों के लिए सबसे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जो रोज कमाते और खाते हैं, उनके लिए पेट भरना भी बड़ा मुश्किल हो चला है। यह कहानी एक ऐसे गरीब परिवार की है, जिसके एक मात्र कमाने वाले शख्स ने चेचक की बीमारी से दम तोड़ दिया। 37 वर्षीय एक शख्स गोरखपुर से मजदूरी करने दिल्ली आया था।

 

Latest Videos

यहां लॉकडाउन के बीच उसका काम-धंधा छूट गया। जैसे-तैसे वो अपना पेट भर रहा था कि चेचक ने उसकी जान ले ली। मृतक की पत्नी बच्चों के साथ गोरखपुर में रहती है। जब उसे पति की मौत की खबर मिली, तो वो टूट गई। लेकिन उसके पास इतना पैसा नहीं था कि पति की लाश गोरखपुर तक ले जा सके। पत्नी के ऐसा कहते ही पुलिस सोच में पड़ गई है। उसे समझ नहीं आ रहा कि वो शख्स का अंतिम संस्कार कर दे या प्रशासन से उसकी लाश घर तक पहुंचवाने के लिए विनती करे।

रोते हुए पुतले का किया अंतिम संस्कार
सुनील की मौत की खबर पुलिस ने उसकी पत्नी पूनम तक पहुंचाई थी। पूनम ने सब जगह हाथ-पैर जोड़े, लेकिन कहीं से पैसों का इंतजाम नहीं हो सका। लिहाजा उसने दिल पर पत्थर रखकर पति की जगह पुतले की गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया। इसके साथ ही तहसीलदार के जरिये दिल्ली पुलिस को संदेश पहुंचा दिया कि उसके पति को वहीं जला दिया जाए।

सुनील गोरखपुर के डुमरी-खुर्द, चौरी-चौरा गांव का रहने वाला था। वो दिल्ली के भारत नगर स्थित प्रताप बाग में किराये से रहता था। उसके परिवार में पत्नी के अलावा चार बेटियां और एक साल का बेटा है। उसकी सबसे बड़ी बेटी 10 साल की है। सुनील लॉकडाउन में फंसने से घर नहीं जा पाया था। इस बीच उसे चेचक हो गया। 11 अप्रैल को उसे हिंदूराव हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां से उसे अलग-अलग तीन हास्पिटलों में रेफर किया गया। 14 अप्रैल को सफदरगंज हास्पिटल में उसकी मौत हो गई।

पत्नी लगातार करती रही कॉल..
सुनील का मोबाइल घर पर पड़ा था। पूनम लगातार उसे कॉल करती रही। इस बीच मोबाइल डिस्चार्ज हो गया। बाद में पुलिस जब उसके घर पहुंची, तो मोबाइल चार्ज करके पूनम को कॉल किया। पूनम ने कहा कि उसकी कोई मदद नहीं कर रहा। उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वो पति की लाश गोरखपुर तक ले जा सके।

Share this article
click me!

Latest Videos

Manmohan Singh Last Rites: कब और कहां होगा होगा मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार? क्या है प्रोटोकॉल
LIVE🔴:भारत मंडपम में वीर बाल दिवस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का भाषण | PM Modi
Manmohan Singh Death News: जुड़े हाथ, भावुक चेहरा... मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे PM Modi
सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने किए मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन, दी श्रद्धांजलि
LIVE🔴: नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह जी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।