कश्मीर में बंद के 52 दिन, इस डर से बच्चों को स्कूल नही भेज पा रहे माता-पिता

अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को समाप्त किये जाने के बाद बुधवार को लगातार 52वें दिन कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा और सार्वजनिक परिवहन के साधन सड़कों पर नहीं दिखाई दिये।

Asianet News Hindi | Published : Sep 25, 2019 12:47 PM IST / Updated: Sep 25 2019, 06:23 PM IST


श्रीनगर. जम्मू कश्मीर को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को समाप्त किये जाने के बाद बुधवार को लगातार 52वें दिन कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा और सार्वजनिक परिवहन के साधन सड़कों पर नहीं दिखाई दिये। मुख्य बाजार और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि, यहां टीआरसी चौक-लाल चौक पर कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगाईं। अधिकारियों के मुताबिक शहर के कुछ इलाकों में निजी कैब और ऑटो रिक्शा चलते हुए दिखाई दिये। निजी वाहन भी बिना अवरोध के चल रहे थे।

स्कूल खोलने के राज्य सरकार के प्रयास असफल, इंटरनेट सेवाएं ठप्प

अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों में कक्षाएं नहीं चल रही हैं। स्कूल खोलने के राज्य सरकार के प्रयास सफल नहीं हो पा रहे क्योंकि माता-पिता बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें घर से निकलने नहीं दे रहे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मोबाइल सेवाएं आज भी ठप रहीं। केवल हंदवाड़ा और कुपवाड़ा में मोबाइल सेवाएं चालू रहीं। घाटी में इंटरनेट सेवाएं भी बंद रहीं। उनके मुताबिक अधिकारी उचित समय पर मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बहाल करने पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा घाटी में हिंसा भड़काने के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं का इस्तेमाल किये जाने की आशंकाएं हैं।


संवेदनशील स्थानो पर सुरक्षा बल तैनात 

अधिकारियों ने कहा कि घाटी में कहीं किसी तरह की पाबंदी नहीं है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। कश्मीर में सबसे पहले पांच अगस्त को पाबंदियां लागू की गयी थीं जब केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने तथा राज्य को दो केंद्रशासित क्षेत्रों में बांटने की घोषणा की थी। घाटी में विभिन्न इलाकों से चरणबद्ध तरीके से पाबंदियां हटाई जा रही हैं।
 

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