राज्य में आई बेरोजगारी के कारण उसका काम छूट गया और वह बेबस हो गया। बेरोजगारी के कारण तांती के घर खाने के लाल्हे पड़ गए। उसकी पत्नी और बच्चों को कई दिन तक भूखा रहना पड़ा।
अगरतला. भुखमरी से परेशान परिवार ने आत्महत्या कर ली। मरने वालों में दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। घटना को सुन लोग सन्न रह गए हैं कि कैसे पूरा परिवार एक साथ खत्म हो गया। पश्चिमी त्रिपुरा के बाराकैथल जिले में भुखमरी से परेशान परिवार ने मौत को गले लगा लिया।
खबर है कि, 24 नवंबर को पहले मां-बाप ने अपने दो मासूम बच्चों को जहर दिया उसके बाद खुद पेड़ से फांसी लगाकर लटक गए। गांव वालों का कहना है कि, परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। बेरोजगारी के कारण उनके पास खाने को कुछ नहीं था। तभी उन्होंने अपने साथ अपने बच्चों की भी जिंदगी खत्म कर दी।
पहले बच्चों को दिया जहर
पुलिस अधिकारी मनिक दास ने बताया कि, मृतक की पहचान सन्यासीपुरा गांव के 40 वर्षीय परेश तांती और 36 साल की उनकी पत्नी सजनी के रूप में हुई है। उन्होंने अपने दो बच्चों को जहर देकर मार डाला। 5 साल की बच्ची रूपाली और 11 साल के बेटे बिशाल को खालिश जहर दिया गया था। उसके बाद पति-पत्नी ने पेड़ से फांसी लगाकार मौत को गले लगा लिया।
नहीं चुका सकता था लोन की किस्ते
दास ने आगे बताया कि, तांती लोन की किस्ते न चुका पाने की समस्या से परेशान था। उसने जमीन खरीदी थी जिसके कागजात और जमीन के रजिस्ट्रेशन के खर्च को वह नहीं उठा सकता था। अधिकारी ने कहा कि मामले में हम आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।
कई दिन से भूखा था परिवार
आपको बता दें कि, तांती दिहाड़ी पर काम करता था। उसने घर बनाने के लिए 80, हजार का लोन लिया था। जिसकी किस्त भरने में वह असर्मथ हो गया था क्योंकि उसकी मजदूरी छूट गई थी। महीने के 25 दिन रोजाना काम करता था तब कहीं जाकर उसे कोई आमदनी होती थी। राज्य में आई बेरोजगारी के कारण उसका काम छूट गया और वह बेबस हो गया। बेरोजगारी के कारण तांती के घर खाने के लाल्हे पड़ गए। उसकी पत्नी और बच्चों को कई दिनों तक भूखा रहना पड़ा था। इन हालातों से तंग आकर ही उसने परिवार सहित खत्म होने की ठानी थी।
राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री मनिक सरकार ने इस घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि, यह कितने दुर्भाग्य की बात है कि भुखमरी के कारण एक परिवार ने आत्मदाह कर लिया।