जिंदादिल ड्राइवर: मरकर बचा गया 35 सवारी की जिंदगी, मौत सामने फिर भी डटा रहा..यात्रियों की अटकी सांसे

मंडी जिले में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की चलती बस में ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ा। इस घटना के वक्त बस में 35 यात्री सवार थे। चालक ने बेहोश होने से पहले  पूरी सुझबूझ दिखाई जैसे-तैसे ब्रेक लगाकर यात्रियों की जान बचा ली।

Asianet News Hindi | Published : Feb 10, 2021 4:39 AM IST

शिमला (हिमाचल). अक्सर जब कभी कोई यात्री वाहन का हादसा होता है तो ड्राइवर की गलती मानी जाती है। जिसे लोग पकड़ मारने-पीटने लगते हैं। लेकिन हिमाचल एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां हर कोई बस चालक की जिंदादिली को सलाम कर रहा है। जिसने पूरी सुझबूझ दिखाई और मरने से पहले  बस में बैठीं 35 सवारियों की जान बचा गया। यात्रियों की जिंदगी बचाकर खुद मर गया।

ड्राइवर ने अपनी जान देकर 35 लोगों की जिंदगी बचाई
दरअसल, मंडी जिले में हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की चलती बस में ड्राइवर को दिल का दौरा पड़ा। इस घटना के वक्त बस में 35 यात्री सवार थे। चालक ने बेहोश होने से पहले  पूरी सुझबूझ दिखाई जैसे-तैसे ब्रेक लगाकर यात्रियों की जान बचा ली। जिससे एक बड़ा हादसा होने से बच गया।

 यात्रियों की सांसें अटक गईं और चीखने लगे
यह घटना सरकाघाट उपमंडल के सधोट गांव के पास हुई। जहां रोज की  तरह एचआरटीसी बस चालक श्याम लाल अपनी ड्यूटी पर पहुंचे और सरकाघाट की तरफ सावरियों को बैठाकर निकल पड़े। कुछ दूर चलते ही श्याम लाल के सीने में अचानक दर्द हुआ। जिससे बस अपना नियंत्रण खोने लगी, लोगों को लगा कि अब कोई हादसा होने वाला है। यात्रियों की सांसें अटक गईं वह चीखने-चिल्लाने लगे। लेकिन इतनी भयानक हालात में भी श्याम लाल  पूरी सुझबूझ दिखाते हुए काम किया और लोगों को मौत के मुंह से निकाल लिया।

पहले सुरक्षित सवारियों को उतारा..फिर खुद चल बसा
बस को साइड में लगाने के बाद चालक ने यात्रियों को उतरने को कहा। फिर वह बेहोश हो गया, सावारियों ने राहगीरों की मदद से श्याम लाल को हमीरपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन इलाज के दौरान ड्राइवर ने दम तोड़ दिया। इस घटना की पुष्टि (एचआरटीसी)  क्षेत्रीय प्रबंधक नरेंद्र शर्मा ने की।

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