गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक पटेल को 'सुप्रीम' राहत, जानिए किस मामले में अदालत ने सजा पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की अपील पर फैसला आने तक इस मामले में कोई सजा नहीं होगी। चूंकि यह मामला शीर्ष अदालत में है इसलिए दोषी साबित होने तक सजा पर रोक लगनी चाहिए।

गांधीनगर : गुजरात चुनाव (Gujarat Election 2022) से पहले कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को सुप्रीम राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए दंगों और आगजनी की घटनाओं को लेकर उन्हें बड़ी राहत दी है। अदालत ने दंगों के फैसले आने तक उनकी सजा पर रोक लगा दी है। इससे पहले हार्दिक पटेल ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अपनी अपील में उन्होंने सजा को निलंबित करने की मांग की थी। उनके वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि हार्दिक कोई अपराधी नहीं है। उनके खिलाफ पुलिस की शक्ति का दुरुपयोग हुआ है।


फैसला नहीं हुआ तो नहीं लड़ पाऊंगा चुनाव
हार्दिक पटेल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि 2015 के विसनगर दंगा मामले (Visnagar riot case) में उनके खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए ताकि चुनाव लड़ने का उनका रास्ता साफ हो सके। जस्टिस बीएन करिया की अदालत से मामले की सुनवाई की। अपनी अपील में उन्होंने बताया कि आज की तारीख में कांग्रेस नेता के चुनाव लड़ने पर रोक है और फैसला होने के बाद ही वह चुनाव लड़ सकेंगे।

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क्या है मामला

2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान शहर में दंगा और आगजनी के लिए मेहसाणा जिले के विसनगर सत्र अदालत ने जुलाई 2018 में दो साल जेल की सजा सुनाई थी। एक महीने बाद अगस्त 2018 में हाईकोर्ट ने उनकी सजा को स्थगित कर दिया था, लेकिन उनके दोषी होने पर रोक नहीं लगाई थी। जबकि जन प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा होने पर कोई भी व्यवस्थि तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता जब तक कि उसकी दोषसिद्धि पर रोक न लगा दी जाए। यही कारण था कि हार्दिक पटेल साल 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके थे।

यहां भी मिली राहत
इससे पहले मार्च में गुजरात की बीजपी सरकार ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंधित 10 केस वापस ले लिए थे। जो मामले वापस लिए गए हैं उनमें सिटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन और मामलों को वापस लेने की अनुमति दी, जिसमें धारा 143, 144, 332, अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। बता दें कि हार्दिक ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर मामले वापस नहीं लिए गए तो फिर से आंदोलन होगा। जिसको लेकर कई तरह की अटकलें भी लग रही हैं। 

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