मोरबी हादसे के अबतक की सबसे दर्दनाक काहानी: वो घर से 7 लोगों को लेकर निकली थी, लेकिन वापस अकेली लौटी

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम 7 बजे ऐसा दर्दनाक हादसा हो गया जो वहां के लोग पूरी जिंदगी नहीं भूल पाएंगे। कैसे काल बने केबल ब्रिज कुछ ही देर में ताश के पत्तों की तरह नदी में जा गिरा। अब तक 134 लोगों के शव मच्छु नदी से निकाले जा चुके है। इसमे ना जाने कितने परिवार उजड़ गए।

Arvind Raghuwanshi | Published : Nov 1, 2022 10:37 AM IST

अहमदाबाद, गुजरात के मोरबी में रविवार शाम काल बने ब्रिज ने कई परिवारों को उजाड़कर रख दिया है। मच्छु नदी अब तक 134 शव उगल चुकी है। यह हादसा इतना भयानक था जिसे शायद ही कोई पूरी जिदंगी नहीं भूल पाएगा। चंद घटों पहलो जो खिलखिला रहे थे अब वो मौत का मातम मना रहे हैं। मोरबी के हर गली-मोहल्ले से चीखने की आवाजों ने गुजरात ही नहीं पूरे देश हिलाकर रख दिया है। पुल टूटने के बाद वो मंजर इतना भयानक था कि किसी ने तो अपनी पूरी फैमिली को ही खो दिया। किसी ने अपना बेटा खोया, तो किसी ने माता-पिता को ही खो दिया। कई ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने आंखों के सामने अपने परिजनों को काल के गाल में समाते देखा,वह बिलखने के अलावा कुछ नहीं कर सके। अब हादसे के बाद ऐसी दर्दनाक कहानियां सामने आ रही हैं जो कलेजा कंपा देने वाली हैं। ऐसी ही एक मार्मिक कहानी आई है, जो बेहद ही रूला देने वाली है। यहां एक महिला अपने घर से 7 लोगों के साथ निकली थी। लेकिन वह वापस अकेली लौटी है। वह दो दिन होने के बाद उस मंजर नहीं भुला पा रही है।

7 लोगों के साथ गई थी, मौत के मंजर में अकेली घर लौटी
दरअसल, जमीला रविवार को अपने घर के 7 लोगों के साथ झूलता हुआ पुल यानि केबल मोरबी ब्रिज घूमने के लिए गई थी। घर के सभी लोग बहेद खुश थे, क्योंकि काफी समय बाद जमीला दिवाली की छुट्टियों में जामनगर से मोरबी आई हुई  थी। 21 साल की जमीला अपनी ननद समेत उसकी 9 साल की बेटी और 12 साल के बेटे, देवरानी समेत उसके छोटे बेटा-बेटी और वहीं, परिवार के शख्स आरिफ, उसकी पत्नी और दो बच्चे (6 और 9 साल) को झूलता पुल दिखाने गए हुए थे। लेकिन वक्त ऐसा काल बना कि अब वह वापस अकेली ही घर लौटी है। उससे साथ गए 7 लोग अब दुनिया ही छोड़कर चले गए।

जमीला की आंखों ने आंसू तक नहीं निकल रहे...वो अब तक सदमें में...
घर में इकलौती बची जमीला की आंखों के आंसू सूख चुके हैं, वो पथराई आंखों से आपबीती सुनाते हुए कह रही है कि आखिर बार उसकी ननद का बेटा घटना के बाद उसके हाथ में आ गया था। लेकिन कुछ देर बाद वो भी नदी में डूब गया। अब उसका शव मिला है। वह एक ही बात बार-बार कही जा रही है कि पूरा परिवार मेरी खुशियों की खातिर ही ब्रिज पर पहुंचा था। देखो वह तो सब चले गए, लेकिन मुझे अकेला छोड़ गए। 

चार साल का बेटा बचा और माता-पिता नदी में समां गए
जमीला की ही तरह दूसरी मार्मिक कहानी मोरबी में रहने वाले हार्दिक फलदू और उनकी पत्नी मिरल की है। वह संडे होने के  कारण अपने 4 साल के बेटे जियांश की घूमने की जिद पर वो उसे लेकर ब्रिज पर घूमने निकले थे। तीनों भीड़ के बीच ब्रिज पर चढ़े और कुछ ही देर बाद ही ब्रिज टूट गया। देखते ही देखते वह मच्छु नदी में डूब गए। इसी बीच एक गोताखोर की नजर उन पर पड़ी और उसने जियांश को डूबते पानी से निकाल लिया और वह बच गया। लेकिन बच्चे के माता-पिता नहीं बच पाए और उससे जिंदगी भर के लिए जुदा हो गए।
 

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