Himachal Pradesh Assembly Elections 2022: हिमाचल की चुराह विधानसभा, क्या है जातीय समीकरण, कितनी हैं समस्याएं

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Elections 2022) को लेकर बीजेपी व कांग्रेस के बीच चुनावी बयानबाजी शुरू हो गई है। आइए जानते हैं चंबा जिले की चुराह विधानसभा सीट के बारे में।
 

Manoj Kumar | Published : Jun 27, 2022 6:04 AM IST / Updated: Oct 19 2022, 03:16 PM IST

शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Pradesh Assembly Elections 2022) में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में दोबारा वापसी के लिए प्रयासरत है। ऐसे में विधानसभा की एक-एक सीट के लिए रणनीति तैयार की जा है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की चुराह विधानसभा वैसे तो अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है लेकिन पार्टियों को यहां प्रत्याशी चयन करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। चुराह विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। 

क्या है चुराह विधानसभा क्षेत्र का वोटिंग ट्रेंड
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में यहां भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी के हंसराज ने कांग्रेस के सुरेंद्र भारद्वाज को करीब 5 हजार मतों से शिकस्त दी थी।  2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को कुल 53.04 प्रतिशत वोट मिले जबकि कांग्रेस को 44.0 फीसदी वोटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं समाजवादी पार्टी के नंदकुमार को 0.8 फीसदी मत प्राप्त हुए जबकि एक निर्दलीय प्रत्याशी ने भी 0.8 फीसदी वोट हासिल किए। 

चुराह विधानसभा का वोटिंग समीकरण
हिमाचल प्रदेश की यह विधानसभा 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। चंबा जिला में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां कुल 42 पंचायतें हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में यहां कुल 68,424 मतदाता पंजीकृत थे। जबकि 2012 में मतदाताओं की संख्या 59,909 थी। माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में मतदाताओं की संख्या बढ़कर 75,000 के आसपास पहुंच सकती है। 

क्या है चुराह विधानसभा का जातीय समीकरण
हिमाचल प्रदेश की चुराह विधानसभा सीट पर 26 प्रतिशत मतदाता अनुसूचित जाति के हैं। इसके अलावा ब्राह्मण, राजपूत, मुस्लिम, गुज्जर व गद्दी जातियों के भी मतदाता हैं लेकिन प्रभावशाली वोट अनुसूचित जाति के पास ही है। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी 24,978 वोट मिले जबकि कांग्रेस को 22767 वोट मिले थे। माना जाता है जिस भी पार्टी को अनुसूचित जाति के वोट मिलते हैं उसका चुनाव जीतना आसान हो जाता है। 

क्या है चुराह विधानसभा के मुद्दे
चुराह विधानसभा के लोगों की प्रमुख मांग है कि यहां आवागमन के लिए सरकारी बसें चलाई जाएं। वहीं तरेला नाले पर लोगों को चलने के पुल निर्माण की मांग भी काफी पुरानी है। यहां के लोगों का कहना है कि भूस्खलन वाले स्थानों को चिन्हित करके प्रभावितों को राहत देने का काम किया जाए। चुराह को पांजी से जोड़ने वाली सुरंग बनाने की मांग भी लोग करते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि चुराह के एकमात्र हास्पिटल में सभी तरह की मेडिकल सुविधाएं दी जाएं ताकि स्थानीय लोगों को दूर न जाना पड़े। विधानसभा में नियमति पेयजल की आपूर्ति भी यहां का पुराना मुद्दा है, जिसे हल किया जाना है। 

झीलों व कोठियों का इलाका है चुराह
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की चुराह विधानसभा अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती है। कहा जाता है कि पहले के राजाओं ने यहां के हर परगना में एक-एक खूबसूरत कोठियों का निर्माण कराया था। आज भी लोग इन्हें देखने पहुंचते हैं। इनके नाम देवी कोठी, सनोह कोठी,लाइन कोठी, हिमगिरी कोठी, सेई कोठी, थानेई कोठी है। इसके अलावा चुराह चुराह घाटी में चार सुंदर झीलें हैं, जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है। 

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