नोएडा शहर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर दिया। यहां एक पति-पत्नी को जैसे ही पता चला कि उनको कैंसर है और वह भी लास्ट स्टेज पर तो उन्होंने मरने का फैसला कर लिया। अपने ही घर में फांसी का फंदा बनकार दंपत्ति ने फांसी लगा ली।
नोएडा/दिल्ली. नोएड शहर से एक बेहद मार्मिक खबर सामने आई है। जहां एक दंपति की खुशियां चंद पलों में बिखर गई और उन्होंने एक साथ फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हैरानी की बात यह है कि इस कपल की तीन साल पहले ही शादी हुई थी। बताया जा रहा कि जैसे ही पति-पति ने अपनी मेडिकल रिपोर्ट देखी तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। इसके बाद उन्होंने मरने का फैसला कर लिया। क्योंकि पति को कैंसर था, जो लास्ट स्टेज तक पहुंच चुकी थी। जिसके डर से दोनों ने यह कदम उठा लिया।
बेडरूम में फंदे से लटके मिले पति-पत्नी
दरअसल, यह दुखद घटना शुक्रवार देर रात की बताई जा रही है। जहां नोएडा के सेक्टर-22 में रहने वाले एक दंपत्ति ने अपने घर में पंखे से लटक जान दे दी। पुलिस ने शव के साथ मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इसमें दोनों ने खुद की मर्जी से आत्महत्या करने की बात लिखी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं परिजनों को सूचित कर बुलाया गया है।
दंपत्ति ने लिखा-हम अब लास्ट स्टेज पर, इसलिए नहीं जानी चाहते
बता दें कि मृतक दंपत्ति मूल रूप से सौनभद्र जिले के रहने वाले थे। 31 वर्षीय अरुण सिंह अपनी पत्नी शशि कला (29 वर्षीय) के साथ सेक्टर-22 में किराए पर रहते थे। तीन साल पहले ही दोनों की शादी हुई थी। अरुण एक निजी कंपनी में इंजीनियर था। कुछ दिन पहले अरुण के गले में खराश हुई थी। लेकिन इसको सामान्य मानते हुए किसी डॉक्टर के पास इलाज नहीं कराया और ना ही इसकी जांच कराई। जब परेशानी ज्यादा बढ़ी तो टेस्ट करवाए। इसके बाद मेडिकल रिपोर्ट में अरुण कैंसर से पीड़ित निकला, वह भी लास्ट स्टेज पर। इससे दोनों पति-पत्नी डिप्रेशन में आ गए और मरने का कदम उठा लिया।
मरने से पहले परिवार को किया था फोन
मामले की जांच कर रहे एडीसीपी रणविजय ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को सुसाइड नोट मिला जिससे आत्महत्या के कारणों का खुलासा हुआ। मरने से पहले दंपत्ति ने सुसाइड नोट में लिखा-'हम अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहे हैं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। मेरे पति को कैंसर है, जो कि एक जानलेवा है, इसिलए अब हम जीना नहीं चाहते हैं। वहीं जांच में पता चला कि अरूण ने आत्महत्या से पहले अपने परिवारवालों को फोन किया था, लेकिन किसी ने अटेंड नहीं किया।