राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करूंगा: राज्यपाल

धनखड़ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वह कुलपति और संकाय सदस्यों के साथ डब्ल्यूबीएसयू के प्रदर्शन में सुधार के तरीके पर चर्चा करेंगे। धनखड़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘25 फरवरी, 2020 को पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करूंगा। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2020 12:52 PM IST

कोलकाता. राज्य के दो शीर्ष विश्वविद्यालयों के वार्षिक दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने से रोके जाने के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय (डब्ल्यूबीएसयू) के स्नातक समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

राज्यपाल ने कहा मैं कुलाधिपति के तौर पर दीक्षांत समारोह में अध्यक्षता करुंगा

धनखड़ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वह कुलपति और संकाय सदस्यों के साथ डब्ल्यूबीएसयू के प्रदर्शन में सुधार के तरीके पर चर्चा करेंगे। धनखड़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘25 फरवरी, 2020 को पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करूंगा। 2008 में विश्वविद्यालय के शुरू होने के बाद से पहली बार यहां दीक्षांत समारोह हो रहा है। इस अवसर का इस्तेमाल कुलपति और विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों से चर्चा के लिए करूंगा कि कैसे विश्वविद्यालय में सुधार किया जा सकता है।’’

कलकत्ता विश्वविद्यालय के दिक्षांत समारोह में राज्यपाल को विरोध का सामना करना पड़ा था

हाल में राज्यपाल ने यादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह में छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के बड़े विरोध का सामना किया है जिसके कारण उन्हें कार्यक्रम स्थल से जाना पड़ा। कूचबिहार पंचानन बर्मा विश्वविद्यालय के वार्षिक समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने पर पिछले सप्ताह उन्होंने नाराजगी जताई थी। धनखड़ ने इसके लिए कूचबिहार विश्वविद्यालय के कुलपति देबकुमार मुखोपाध्याय को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि नियमों के अनुपालन में विफल रहने के कारण उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)
 

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