हर सनम बेवफा नहीं होता, प्रेमिकाएं यह बात अच्छे से जान लें

अगर आप सिर्फ इश्क लड़ा रहे हैं, लेकिन आपकी मंशा प्रेमिका से शादी करने की कतई नहीं है, तो डरिए मत! हां, अगर प्रेमिका रजामंदी से आपके साथ फिजिकल रिलेशन बनाती है, तो आपको कोई रेप के इल्जाम में नहीं फंसा सकता। जानिए दिल्ली हाईकोर्ट से जुड़ा एक फैसला...

Asianet News Hindi | Published : Oct 11, 2019 7:53 AM IST

नई दिल्ली. यह खबर उन प्रेमियों के लिए के लिए है, जिनके ऊपर 'बेवफाई' का ठप्पा लगा दिया गया। उनका दोष यह था कि वे शादी से मुकर गए थे। दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले ने कानूनी तौर पर बेवफाई को अपराध नहीं माना है। हां, उसे नैतिक तौर पर गलत जरूर कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर प्रेमी कपल बालिग हैं और अपनी रजामंदी से फिजिकल रिलेशन बनाते हैं, तो इसका मतलब शादी की बाध्यता नहीं है।

रेप के आरोपी के साथ मर्जी से होटल गई थी प्रेमिका
उल्लेखनीय है कि एक महिला ने अपने प्रेमी पर रेप का केस दर्ज कराया था। इसके कथित आरोप के बाद प्रेमिका 2016 में आरोपी प्रेमी के साथ एक होटल में  जाते दिखी थी। पड़ताल में सामने आया कि प्रेमिका अपनी स्वेच्छा से होटल में गई थी। माना गया कि प्रेमी ने उससे शादी का वादा किया था, लेकिन बाद में मुकर गया। हाईकोर्ट ने कहा कि प्यार में फिजिकल रिलेशन बनाकर पीछे हट जाना खराब बात है, लेकिन यह अपराध नहीं है। आरोपी को रेप के आरोप से बरी कर दिया गया था। इसके खिलाफ महिला हाईकोर्ट पहुंची थी। हालांकि वो केस के दरमियान भी आरोपी से होटल में मिली।

शादी के झांसे में न आएं...
हाईकोर्ट ने कहा शादी से पहले कोई भी प्रेमिका अपने प्रेमी से फिजिकल रिलेशन न बनाए। प्रेमी कितना भी शादी का झांसा दे, मगर वो दूर रहे। बावजूद अगर वो संबंध बनाती है, तो फैसला प्रेमी के पक्ष में ही जाएगा। हालांकि जस्टिस विभु भाखरू ने स्पष्ट किया कि 1990 के दशक में शुरू हुए कैम्पेन 'न मतलब न' से आशय फिजिकल रिलेशन को लेकर सहमति नहीं है। अगर कोई जबर्दस्ती संबंध बनाता है, तो यह जरूर अपराध होगा।

(नोट: फोटो प्रतीकात्मक है, खबर को अच्छे से समझाने के लिए लगाया गया है)

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