मलिक की सजा को लेकर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हलचल है। समर्थकों में खलबली मची हुई है। यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक खुले तौर पर पति का समर्थन कर रही है। वह भारत के खिलाफ जहरीले बयान दे रही है।
नई दिल्ली : धरती की जन्नत यानी जम्मू-कश्मीर में नफरत की आग फैलाने वाला कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को टेरर फंडिंग मामले में थोड़ी देर में सजा सुनाई जाएगी। उसके लिए फांसी की मांग की जा रही है। प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ ने 10 मई को सुनवाई के दौरान खुद कबूला था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल था। यासीन मलिक की तरह ही उसकी पत्नी मुशाल हुसैन मलिक (Mushaal Hussein Mullick) भी भारत के खिलाफ खलनायक की भूमिका अदा करती है। वह हिंदुस्तान के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर में एक्टिव रहती है। दोनों पति-पत्नी लगातार भारत के खिलाफ आग उगलती रहते हैं। जानिए इन दहशतगर्ती फैलाने वाले इन दोनों की पूरी कुंडली..
दहशत का नाम है यासीन मलिक
यासीन मलिक का जन्म तीन अप्रैल 1966 को श्रीनगर के मैसुमा में हुआ था। उसके पिता गुलाम कादिर मलिक एक सरकारी बस ड्राइवर थे। श्रीनगर में ही यासीन की पूरी पढ़ाई हुई। उसने श्री प्रताप कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। साल 1986 में मलिक दहशत फैलाने के लिए एक्टिव हो गया। उसने 'ताला पार्टी' का नाम बदलकर 'इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग यानी ISL कर दिया था। इस संगठन में कश्मीरी यूथ को ज्यादा तवज्जो दिया गया। इस संगठन का मकसद ही था कि किसी तरह कश्मीर को भारत से अलग कर देना। जावेद मीर, अशफाक मजीद वानी और अब्दुल हमीद शेख जैसे आतंकी इस संगठन के सदस्य थे। ये वही आतंकी थे जिन्होंने कश्मीर में सिर्फ हिंसा फैलाने का काम किया है।
भारत विरोधी साजिश करता रहा
साल 1987 की बात है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने थे। चुनाव से ठीक पहले यासीन मलिक की इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग, मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट में शामिल हो गई। इस चुनाव में ISL ने अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया, क्योंकि इस संगठन का विश्वास संविधान में नहीं था। हालांकि श्रीनगर के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में संगठन के सदस्यों ने जमकर प्रचार-प्रसार किया। साल 1988 में यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (Jammu Kashmir Liberation Front) का एरिया कमांडर बन गया। वह लगातार भारत विरोध कामों में सक्रिय रहा है। उसने इंडियन एयरफोर्स के जवानों पर आतंकी हमला करवाया। इस हमले में स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित चार जवान शहीद हो गए थे।
कश्मीरी पंडितों के बेदखल करने वालों में से एक
यासीन मलिक JKLF प्रमुख मकबूल भट्ट को अपना आइडल मानता था। मकबूल भट्ट एक अलगाववादी नेता था, जिसे 1984 में फांसी दे दी गई थी। इसके कुछ समय बाद यासीन JKLF प्रमुख बन गया। 1990 में कश्मीरी पंडितों को वहां से भगाने में सबसे आगे रहने वालों में से यासीन एक था। साल 1994 में लिबरेशन फ्रंट को एक राजनीतिक दल के रूप में पेश करने की भी यासीन मलिक ने कोशिश की।
पाकिस्तानी पत्नी भी उगलती है आग
यासीन मलिक ने 22 फरवरी 2009 को एक पाकिस्तानी मुशाल हुसैन मलिक से शादी की। मुशाल अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कश्मीर लड़कियों के फोटो लगातार पोस्ट करती है। उसकी फोटो पोस्ट करने के पीछे यह दिखाना मकसद होता है कि भारत में मुसलमानों के ऊपर अत्याचार हो रहा है। फोटो भी वह इसी तरह की पोस्ट करती है। मुशाल खुद को कश्मीरी अलगाववादियों का नेता बताती है, कश्मीर की झूठी आवाज उठाती हैं और यासीन की बीवी होने पर गर्व जताती है। मुशाला अपने पति को निर्दोष बताती है। वह लगातार पति की रिहाई की मांग करती रही है। साल 2019 में उसने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर एक कविता पढ़ी, जिसमें उसने कहा था कि कश्मीर के मुसलमानों पर भारत अत्याचार कर रहा है।
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