केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने अपने विभाग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ( Ministry of Road Transport and Highways of India) के अधिकारियों से नेशनल हाइवे पर पड़ने वाले ढाबों पर पेट्रोल पंप खोलने के प्रस्ताव पर काम करने को कहा है। वहीं, गडकरी ने एक कार्यक्रम में सरकारों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकारों में इगो होता है, इसलिए वे किसी से सलाह नहीं लेतीं हैं। खुद को बड़ा जानकार समझती रहती हैं।
नई दिल्ली। एक सुखद खबर है। अब आपको जल्द ही नेशनल हाईवे (National Highway) के किनारे बने ढाबों पर खाने के साथ-साथ पेट्रोल पंप भी मिलेगा। इस संबंध में केंद्रीय मत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने अपने विभाग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ( Ministry of Road Transport and Highways of India) के अधिकारियों को काम करने के लिए निर्देश दिए हैं।
गडकरी ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से छोटे ढाबा मालिकों को नेशनल हाइवे के किनारे पेट्रोल पंप और शौचालय बनाने की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम करने को कहा है। गडकरी एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि सरकारी अधिकारियों को त्वरित निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी के कारण कई परियोजनाओं में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी ने एक मैसेज भेजकर कहा कि वह यात्रा कर रहा है और सड़क के 200-300 किलोमीटर के दौरान उसे एक भी शौचालय नहीं मिला।
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छोटे ढाबा मालिकों को पेट्रोल पंप और शौचालय खोलने की अनुमति देगा मंत्रालय
गडकरी ने कहा कि लोग सड़क किनारे की जमीनों पर अतिक्रमण कर रहे हैं और ढाबे खोल रहे हैं। सुबह मैंने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि जिस तरह से नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पेट्रोल पंप के लिए एनओसी (NOC) देता है, उसी तरह से हमें नेशनल हाइवे पर बने छोटे ढाबा मालिकों को पेट्रोल पंप और शौचालय खोलने के लिए अनुमति देने पर भी विचार करना चाहिए।
भूमि अधिग्रहण मुआवजे की राशि बढ़ी
गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय द्वारा लगातार प्रगति पर नजर रखी गई, जिसके कारण सड़कों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में काफी तेजी आई है। सड़कों के निर्माण के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण के लिए उन्होंने मुआवजे की राशि को भी बढ़ा दिया है। लोग अब यह कहने नहीं आते कि मेरी जमीन मत लो। लोग अब यह कहने आते हैं कि मेरी जमीन भी लो।'
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सरकार में बड़े स्तर पर इगो होता, इसलिए लोगों से सलाह नहीं लेते
गडकरी ने सरकार और ब्यूरोक्रेसी पर एक बार फिर बेबाक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि सरकार में बड़े स्तर पर ईगो (अहंकार) होता है। उन्हें लगता है कि सारी जानकारी मेरे पास पास ही है, इसलिए लोगों से सलाह-मशविरा नहीं करते। अच्छे आदमी को निंदा करने वाले व्यक्ति को हमेशा साथ रखना चाहिए। गडकरी ने ये बातें दिल्ली में आयोजित एक निजी सलाह ऐप 'कंसल्ट' की लॉन्चिंग के मौके पर कही। उन्होंने आगे कहा कि समय पर फैसले नहीं लिए जाने की वजह से सरकारी प्रोजेक्ट में देरी होती है। उन्होंने कहा कि निर्णय क्या करते हैं, यह समस्या नहीं है, समस्या यह है कि निर्णय नहीं करते। जॉइंट सेक्रेटरी की गलती को सेक्रेटरी संभालता है, सेक्रेटरी की गलती को मंत्री। लेकिन मैं पारदर्शी हूं, जिम्मेदारी तय करने में विश्वास करता हूं।