एक चौथाई पंजीकृत अनिवासी भारतीय मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में किया था मताधिकार का इस्तेमाल। राजधानी दिल्ली में एनआरआई मतदाताओं की संख्या 336 है। इनमें 231 पुरुष और 105 महिलाएं।
नई दिल्ली: पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान ई मतदाता सूची में पंजीकृत हुए एक लाख एनआरआई मतदाताओं में से महज एक चौथाई ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 17वें लोकसभा चुनाव के पहले तक मतदाता सूची में एनआरआई के रूप में दर्ज मतदाताओं की संख्या 99,807 थी। इनमें 91,850 पुरुष, 7943 महिलाएं और 14 अन्य शामिल हैं।
इन जगह कम रही मतदाताओं की भागीदारी
राजधानी दिल्ली में एनआरआई मतदाताओं की संख्या 336 है। इनमें 231 पुरुष और 105 महिलाएं। इनमें से कोई भी मतदाता आम चुनाव में वोट डालने नहीं आया। इसी तरह पुडुचेरी के पंजीकृत 272 और पश्चिम बंगाल के 34 पंजीकृत एनआरआई मतदाताओं में से किसी ने भी मताधिकार में हिस्सेदारी नहीं की। केरल में सर्वाधिक (85,161) एनआरआई मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें 25091 ने लोकसभा चुनाव में वोट दिया।
कुल 3.10 करोड़ है एनआरआई की संख्या
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न देशों में रह रहे एनआरआई की कुल संख्या 3.10 करोड़ है। इन सभी को किसी अन्य व्यक्ति को अपनी ओर से मतदान देने का अधिकार सौंपने के लिए चुनाव आयोग ने एक प्रस्ताव विधि मंत्रालय के समक्ष कानून बनाने के लिए भेजा है। एनआरआईस को प्रॉक्सी वोटिंग की सुविधा देने से जुड़ा एक विधेयक 16वीं लोकसभा में पेश किया गया था। लेकिन लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक यह विधेयक पारित नहीं हो पाने के कारण गायब हो गया।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)