अपनी मां को जिंदा जलते देख उसकी मासूम बेटियों की चीखें निकल पड़ीं। लेकिन सबसे बड़ी 9 साल की बेटी ने साहस दिखाया और मां को बचाने खुद की जान जोखिम में डाल दी।
नई दिल्ली. बच्चों के लिए उसकी मां से बड़ा दुनिया में कोई नहीं! मां के लिए बच्चे कुछ भी कर सकते हैं। ऐसा ही एक इमोशनल कर देने वाला मामला हजरत निजामुद्दीन बस्ती के कोट मोहल्ले में देखने को मिला। अपनी मां को जिंदा जलते देख उसकी तीन मासूम बेटियों ने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। खासकर, 9 साल की सबसे बड़ी बेटी न सूझबूझ का परिचय दिया और पानी डालकर आग बुझाई। हालांकि महिला फिर भी 80 प्रतिशत जल गई। उसे गंभीर हालत में सफदरगंज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
खड़े-खड़े तमाशा देख रहे थे जेठ-जेठानी
घटना की वजह प्रॉपर्टी विवाद बताया जा रहा है। हादसे का शिकार महिला ने अपने जेठ-जेठानी पर मिट्टी का तेल डालकर जलाने का आरोप लगाया है। साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि घटना 16 अगस्त की शाम को हुई। 32 वर्षीय यास्मीन का निकाह 10 साल पहले आमिर से हुआ था। लेकिन 4 साल पहले आमिर की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। यास्मीन के तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी 9 साल की है। दूसरी 8 साल और सबसे छोटी की उम्र 5 साल है। यास्मीन का मायका खुरेजी में है। मायके वालों ने आरोप लगाया कि पुलिस भी इस मामले में लापरवाही बरत रही है। बताते हैं कि आमिर की मौत के बाद ससुरालवाले यास्मीन को परेशान करने लगे थे। यास्मीन को बड़ी मुश्किल से घर का खर्चा चलाने 10 हजार रुपए दिए जाते थे। तीन बेटियों की परवरिश करने के लिए यास्मीन को बड़ी कठिनाई हो रही थी। जेठ-जेठानी को लगने लगा था कि यास्मीन प्रॉपर्टी में से अपना हिस्सा मांग सकती है। इसलिए उसे जिंदा जलाकर मार डालने की कोशिश की गई। हालांकि तभी उसकी बेटियां वहां पहुंच गईं। उन्होंने परिजनों से मां को बचाने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। आखिरकार अनम ने खुद पानी डालकर आग बुझाई। बाद में पड़ोसियों की मदद से पुलिस को बुलाया। यास्मीन के परिजनो ने बताया कि बड़ी बेटी अनम को शुगर है। उसके इलाज को लेकर भी यास्मीन परेशान रहती थी।