दुनियभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार रिसर्च चल रहे हैं। कुछ कंपनियों ने वैक्सीन बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। इनमें एक है अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स। इसकी टीम को लीड करती हैं गुजरात मूल की नीता पटेल। जब ये 4 वर्ष की थीं, तब इनके पिता की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि वे चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ बड़ा काम करेंगी।
अहमदाबाद, गुजरात. कोरोना ने सारी दुनिया को एक नई चुनौती दे डाली। चिकित्सा क्षेत्र में रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के लिए यह एक बड़ा संघर्ष है। दुनियभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार रिसर्च चल रहे हैं। कुछ कंपनियों ने वैक्सीन बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है। इनमें एक है अमेरिका की कंपनी नोवावैक्स। इसकी टीम को लीड करती हैं गुजरात मूल की नीता पटेल। जब ये 4 वर्ष की थीं, तब इनके पिता की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि वे चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ बड़ा काम करेंगी। बता दें कि नीता पटेल 32 साल पहले शादी के बाद अमेरिका में बस गई थीं। नोवावैक्स का मुख्यालय मैरीलैंड में हैं। नोवावैक्स का मुख्यालय मैरीलैंड में है।
नीता गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उन्हें जब स्कूल-कॉलेज जाना होता था, तो बस के किराये तक के लिए पैसे उधार लेने पड़ते थे। लेकिन उनमें कुछ करने का जुनून था।
नीता ने कई बार इस बात का उल्लेख किया कि बचपन में पिता की बीमारी से मौत के बाद उन्होंने तय किया था कि वे चिकित्सा क्षेत्र में ही काम करेंगी, ताकि लोगों की भलाई की जा सके। बता दें कि उनकी टीम में सभी महिलाएं हैं।
कोरोना वैक्सीन बनाने में महिलाओं ने रचा इतिहास
कोरोना वैक्सीन बनाने में महिला रिसर्चर्स ने परिचम फहराया है। मॉडर्ना, फाइजर, बायोएनटेक या नोवावैक्स सभी कंपनियों की वैक्सीन रिसर्च टीम को लीड महिलाएं कर रही हैं।