लॉक डाउन के कारण शादियों पर भी ब्रेक लग गए हैं। जो थोड़ी-बहुत शादियां हो भी रहीं, तो उनकी रौनक गायब है। यह शादी भी मुहूर्त के चक्कर में फटाफट हुई। 4 घंटे में 7 फेरे कराकर दूल्हा अपनी दुल्हन को घर भी ले गया।
Asianet News Hindi | Published : Apr 15, 2020 6:11 AM IST / Updated: Apr 15 2020, 01:40 PM IST
देहरादून, उत्तराखंड. लॉक डाउन के कारण शादियों पर भी ब्रेक लग गए हैं। जो थोड़ी-बहुत शादियां हो भी रहीं, तो उनकी रौनक गायब है। यह शादी भी मुहूर्त के चक्कर में फटाफट हुई। 4 घंटे में 7 फेरे कराकर दूल्हा अपनी दुल्हन को घर भी ले गया। यह हैं नेहा और मयंक। इनकी शादी 13 अप्रैल को हुई। बेशक इस शादी में कोई तामझाम नहीं थे, फिर भी यह शादी इनकी यादों का सुनहरा दस्तावेज रहेगी। दूल्हा-दुल्हन तो चाहते थे कि लॉक डाउन खुलने के बाद ही उनकी शादी हो, लेकिन पंडित ने लंबे समय तक अच्छा मुहूर्त न होने की बात कहकर सबकी नींद उड़ा दी थी। लिहाजा, मजबूरी में आनन-फानन में यह शादी सम्पन्न हुई। प्रशासन ने भी इस शर्त पर इस शादी को मंजूरी दी थी कि 10 से ज्यादा लोग इसमें शामिल न हों।
पूरी तैयारियां हो चुकी थीं, तभी लॉक डाउन हो गया...मयंक ने बताया कि शादी की तैयारियों के लिए दोनों के परिवार खरीदारी में जुटे हुए थे। इसी बीच लॉक डाउन हो गया। हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉक डाउन खुल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस बीच पंडितजी ने भी दूसरा कोई मुहुर्त न होने की बात कह दी। लिहाजा, आनन-फानन में यह शादी करनी पड़ी।
स्कूटर से ससुराल पहुंचा...हालांकि इस शादी के लिए भी दूल्हा-दुल्हन को बड़े पापड़ बेलने पड़े। नेहा के किसी परिचित का स्थानीय बीजेपी नेता शिवानी कश्यप से संपर्क था। शिवानी ने विधायक गणेश जोशी के जरिये एसएसपी अरुण मोहन जोशी से शादी की अनुमति मांगी। एसएसपी ने सशर्त अनुमति दी। यानी शादी में 10 से ज्यादा लोग शामिल न हों। इसके बाद दूल्हा अकेले ही स्कूटर पर अपनी ससुराल पहुंचा। पीछे से किसी रिश्तेदार की गाड़ी पर बैठकर पंडितजी। इस तरह यह शादी सम्पन्न हुई। नव दम्पती ने कहा कि शादियां भूलने की बात नहीं होतीं, लेकिन उनकी शादी एक अलग तरह की याद बनकर रहेगी।