कभी नंदीग्राम में रहने वाले किसान दो वक्त की रोटी के लिए तरसते थे, आज खूब पैसा कमा रहे हैं। यहां के तालाबों में पैदा हो रही झींगा मछली देश-विदेश में भेजी जा रही है। नंदीग्राम के किसान हमेशा चुनावों में नेताओं से यही मांग करते थे कि उन्हें झींगा मछली पालन के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
नंदीग्राम ( पश्चिम बंगाल). बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को आ गए। जहां तृणमूल कांग्रेस 207 सीट जीतकर राज्य में सरकार बनाती दिख रही है। लेकिन इन परिणामों में नंदीग्राम सीट पर सारे देश की नजरें टिकी हुई थीं। यहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। आखिर में सुवेंदु अधिकारी ने उनको 1957 वोटों से हरा दिया है। नंदीग्राम ममता बनर्जी की वो राजनीतिक रणभूमि थी। जिसने उन्हें 34 साल पुराने लेफ्ट के शासन को उखाड़ फेंकने में मदद दिलाई। कभी यहां की माटी में किसानों का खून बहा था, आज वो किसानों के लिए सोना उगल रही है। यहां के किसानों के लिए झींगा मछली(प्रॉन) कमाई का बेहतर जरिया साबित हुई है। जानिए नंदीग्राम की पूरी कहानी...
यहां कभी दो वक्त की रोटी के लिए तरसते थे लोग
कभी नंदीग्राम में रहने वाले किसान दो वक्त की रोटी के लिए तरसते थे, आज खूब पैसा कमा रहे हैं। यहां के तालाबों में पैदा हो रही झींगा मछली देश-विदेश में भेजी जा रही है। नंदीग्राम के किसान हमेशा चुनावों में नेताओं से यही मांग करते थे कि उन्हें झींगा मछली पालन के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। आज यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट के अलावा दूसरी अन्य सुविधाएं आसानी से मिल रही हैं।
अब यहां किसान कमा रहा 50 हजार रुपए महीना
कभी यहां जो किसान कभी बमुश्किल 7000 रुपए महीने कमा पाते थे, वे आज झींगा मछली के उत्पादन से 50000 रुपए महीने तक कमा लेते हैं। यहां टाइगर प्रॉन का अच्छा प्रोडक्ट होता है। आंकड़ों के मुताबिक, नंदीग्राम में करीब 2,200 हेक्टेयर में मछली पालन हो रहा है। नंदीग्राम में मछली पालन के करीब 250 यूनिट हैं। इनमें 16,000 से ज्यादा किसानों को रोजगार मिला हुआ है। नंदीग्राम से सालाना 4,000 टन झींगा और दूसरी मछलियों का उत्पादन हो रहा है। यहां का प्रोडक्ट्स चीन, ताइवान, अमेरिका और जापान तक भेजा जा रहा है।
नंदीग्राम जिले में में मुस्लिम आबादी 60 प्रतिशत
स्वतंत्रता के बाद नंदीग्राम एजुकेशन का हब बना। हल्दिया के विकास में नंदीग्राम की अहम भूमिका रही। यहीं से हल्दिया को सब्जियां, चावल, मछली आदि की सप्लाई होती है। नंदीग्राम जिले में में मुस्लिम आबादी 60 प्रतिशत है। शहर में तिवारी, मुखर्जी और पांडा का बोलबाला है। नंदीग्राम मेदिनीपुर जिले का एक ग्रामीण एरिया है। यह राजधानी कोलकाता से दक्षिण-पश्चिम दिशा में करीब 70 किमी दूर है। यह औद्योगिक शहर हल्दिया के सामने और हल्दी नदी के दक्षिण किनारे स्थित है।