नंदनकानन चिड़ियाघर के उप निदेशक जयंत कुमार दास ने बताया कि बाघ ने एक महीने पुराने यकृत रोग से लड़ते हुए सवेरे सवा दस बजे दम तोड़ दिया। शुभ्रांशु नामक यह बाघ चिड़ियाघर का मुख्य आकर्षण था।
भुवनेश्वर. नंदनकानन चिड़ियाघर में यकृत संबंधी रोग के कारण पांच वर्षीय एक सफेद बाघ की मंगलवार को मौत हो गयी। नंदनकानन चिड़ियाघर के उप निदेशक जयंत कुमार दास ने बताया कि बाघ ने एक महीने पुराने यकृत रोग से लड़ते हुए सवेरे सवा दस बजे दम तोड़ दिया। शुभ्रांशु नामक यह बाघ चिड़ियाघर का मुख्य आकर्षण था।
दास ने कहा, “सफेद बाघ अचानक शनिवार को मूर्छित हो गया और उसने खाना पीना छोड़ दिया। ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा उसका इलाज किया जा रहा था लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई।” शुभ्रांशु की मौत से अब चिड़ियाघर में बाघों की संख्या 25 रह गयी है जिसमें से 12 नर और 13 मादा हैं।
कुछ हफ्तों पहले चिड़ियाघर में चार हाथियों की हर्पीस वायरस के कारण मौत हो गयी थी।
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]