हिमाचल के शिमला में एक निजी हॉस्पिटल की गंभीर लापरवाही ने एक गर्भवती की असमय जान ले ली। हॉस्पिटल ने ब्लड टेस्ट करने के बाद महिला को HIV पॉजिटिव बता दिया था, जबकि रिपोर्ट गलत थी। यह सदमा महिला बर्दाश्त नहीं कर सकी। वो कोमा में चली गई और फिर उठ नहीं सकी। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है।
शिमला. एक प्राइवेट हॉस्पिटल की गलत जांच रिपोर्ट ने 22 साल की एक महिला की जान ले ली। हॉस्पिटल ने ब्लड टेस्ट के बाद उसे HIV पॉजिटिव बता दिया था। महिला यह सदमा सहन नहीं कर सकी। वो कोमा में चली गई। तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि 15 दिन के अंदर इस मामले की जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। विधानसभा में यह मामला रोहड़ू के कांग्रेस विधायक मोहनलाल ब्राक्टा ने उठाया था। महिला रोहड़ू के डोडरक्वार की रहने वाली थी।
खून की कमी थी महिला को
महिला की बच्चादानी की ट्यूब फटने के कारण हालत गंभीर थी। उसे संजीवनी हॉस्पिटल लाया गया था। उसे खून की कमी थी। यहां उसे HIV पॉजिटिव बताया गया। परिजन उसे आईजीएमसी हॉस्पिटल ले गए। वहां रिपोर्ट निगेटिव आई। यहां दो बार टेस्ट कराया गया, दोनों बार रिपोर्ट निगेटिव आई। इससे पहले महिला रिपोर्ट सुनकर कोमा में चली गई थी। उसे गंभीर हालत में केएनएच हॉस्पिटल ले गए। वहां उसका ऑपरेशन किया गया। हालांकि महिला को बचाया नहीं जा सका। महिला के भाई ने आरोप लगाया कि हॉस्पिटल की गलत रिपोर्ट के कारण उसकी बहन की जान गई। मामले की शिकायत निदेशक स्वास्थ्य और अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य को भेजी गई है। उधर, संजीवनी हॉस्पिटल के डॉ. चिन्मय ने कहा कि हमने रिपोर्ट कन्फर्मेशन के लिए आगे भेजी थी। इस बारे में महिला और उसके परिजनों को नहीं बताया गया था। रिपोर्ट गुप्त रखी गई थी।