Puducherry Election: युवाओं को मौका देने की खातिर पूर्व हेल्थ मिनिस्टर ने चुनाव नहीं लड़ने का किया ऐलान

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सीनियर लीडर और राज्य के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर ई वल्साराज ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने तर्क दिया है कि वे युवाओं को मौका देना चाहते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2021 6:22 AM IST / Updated: Mar 12 2021, 12:24 PM IST

पुडुचेरी. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी ताकत झोंकना चाहती है, लेकिन इस बीच उसके सीनियर लीडर और राज्य के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर ई वल्साराज ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने तर्क दिया है कि वे युवाओं को मौका देना चाहते हैं। हालांकि वल्साराज ने स्पष्ट किया कि वे चुनाव नहीं लड़ने के बावजूद कांग्रेस में बने रहेंगे। वे विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम करेंगे। वल्साराज ने बताया कि उन्होंने अपने इस फैसले से हाईकमान को अवगत करा दिया है। वल्साराज माहे से चुनाव लड़ते रहे हैं।

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बता दें कि वल्साराज पुडुचेरी प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने पार्टी कार्यालय में कहा कि वो चाहते हैं कि युवा आगे आएं, इसलिए उन्होंने यह फैसला किया। वल्साराज पुडुचेरी के एन्क्लेव माहे से 1990 से जीतते आ रहे हैं। हालांकि 2016 के चुनाव में वे इस क्षेत्र से पराजित हो गए थे। कांग्रेस ने जब यहां सरकार बनाई, तो उन्हें हेल्थ मिनिस्टर बनाया गया।

पुडुचेरी विधानसभा चुनाव, कांग्रेस के लिए वापसी मुश्किल, NDA को मिल सकती हैं 18 सीटें

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में एक चरण में 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर Times Now और C-वोटर सर्वे ने वोटरों का रुझान जानने की कोशिश की है। इसके अनुसार कांग्रेस की सत्ता में दुबारा वापसी मुश्किल नजर आ रही, जबकि NDA को 30 में से 18 सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के खाते में सिर्फ 12 सीट आती दिख रही हैं। प्रदेश में तमिलनाडु के साथ ही 6 अप्रैल को वोटिंग होगी और 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। सर्वे के अनुसार, यूपीए को 37.6 फीसदी वोट और एनडीए को 44.5 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है। 17.9 प्रतिशत वोट अन्य उम्मीदवारों को मिल सकते हैं।
बता दें कि 2016 के चुनाव में एनडीए को 30.5 फीसदी और यूपीए को 39.5 फीसदी वोट मिले थे। हालांकि यह अलग बात है कि इस ओपिनियन पोल में 36 फीसदी लोगों ने वी नारायणसामी को फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहली पसंद बताया है। 21.75 फीसदी लोगों ने वी नारायणसामी सरकार के कामकाज पर संतुष्टि जताई। जबकि 21.88 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कुछ हद तक संतुष्ट रहे। लेकिन 32.41 फीसदी लोगों ने कांग्रेस सरकार के कामकाज पर अंसतोष जाहिर किया। 23.96 प्रतिशत लोग कुछ भी नहीं बता सके।

सर्वे में एआईएनआरसी के एन रंगास्वामी को 42 फीसदी लोगों ने सीएम की पोस्ट के लिए सबसे अच्छा प्रत्याशी बताया। कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन वाली सरकार पिछले महीने गिर गई थी। नारायणसामी सदन में उपराज्यपाल के सामने अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। कांग्रेस के 6 विधायकों की बगावत के बाद नारायणसामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी। 

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