सिद्धू, चन्नी या कोई और, कांग्रेस Punjab में घोषित नहीं करेगी CM का चेहरा

कांग्रेस पंजाब में किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। पार्टी सामूहिक नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किए जाने की मुख्य वजह पार्टी में चल रही अंतरकलह माना जा रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 24, 2021 7:50 PM IST

चंडीगढ़। अगले साल पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections 2022) में कांग्रेस (Congress) पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा पार्टी इसकी घोषणा नहीं करेगी। एक न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि पार्टी अभी यह नहीं बताएगी कि चुनाव में जीत मिलने पर अगला मुख्यमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू होंगे, चरणजीत सिंह चन्नी होंगे या कोई और। पार्टी का कहना है कि चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा। 

बता दें कि पंजाब में कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किए जाने की मुख्य वजह पार्टी में चल रही अंतरकलह माना जा रहा है। पिछले काफी समय से पंजाब कांग्रेस में उथलपुथल मची है। हरीश रावत के पंजाब में प्रदेश प्रभारी बनकर आने के बाद से ही कांग्रेस का अंतरकलह शुरू हो गया था। रावत ने सबसे पहले कैप्टन के धुर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू को तवज्जो दी। सिद्धू के एक्टिव होने के बाद कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों का एक दल कैप्टन के खिलाफ खड़ा हो गया। कांग्रेस के मंत्रियों व विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रकट कर दिया। बाद में कैप्टन को कांग्रेस छोड़ना पड़ा। 

Latest Videos

खुद को सीएम पेस पेश कर रहे हैं सिद्धू
कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया। नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह के बीच भी कई बार टकराव देखने को मिला। अपनी मांगें मनवाने के लिए नवजोत सिंह ने मुख्यमंत्री पर दवाब डाला।  सिद्धू ने बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) के खिलाफ ड्रग्स मामले में एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर मुहिम छेड़ी थी। यहां तक कि बिक्रम मजीठिया ने भी चन्नी की सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल की धमकी दे दी थी। अंत में सिद्धू की हठ के आगे सब बेबस नजर आए और चन्नी सरकार को बिक्रम मजीठिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। 

इसी तरह सिद्धू ने सितंबर में चन्नी सरकार की बड़े ओहदेदार नियुक्तियों के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। यह भी साफ कर दिया था कि वे पद छोड़ देंगे, लेकिन उसूलों से कोई समझौता नहीं करेंगे। आखिरकार कांग्रेस आलाकमान की तरफ से ना सिर्फ सिद्धू को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाया गया, बल्कि चन्नी सरकार ने सिद्धू की मांग को स्वीकार किया और एडवोकेट जनरल और डीजीपी को बदल दिया। ये दोनों पद सिद्धू की पसंद के लोगों को दिए गए। सिद्धू विधानसभा चुनाव के प्रचार में खुद को सीएम फेस के लिए भी मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं।

कांग्रेस में तीन बड़े नेता, इनमें सिद्धू सबसे आगे
दरअसल, पंजाब में सिखों की कुल आबादी 57.75% है। इसमें जट्ट सिख 19%, हिंदू 38.49%, दलित 31.94% और अन्य समाज का 10.57% वोट बैंक है। दलित समाज में हिंदू और सिख समाज के वोट शामिल हैं। जबकि अन्य में मुस्लिम और क्रिश्चियन समाज और बाकी हैं। राज्य में जट्‌टसिख कम्युनिटी सिर्फ 19% है, लेकिन अब तक उन्हीं का राज रहा है। यही वजह है कि राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। ऐसे में कांग्रेस अब दलित, जट सिख और हिंदू वोटर्स को लुभाने के लिए सीएम चन्नी, सिद्धू और सुनील जाखड़ तीनों को ही चेहरा बनाकर पेश करना चाहती है, लेकिन पार्टी और सरकार के फैसलों को देखकर ये साफ पता चलता है कि सिद्धू का कद इन दोनों नेताओं से बड़ा हो गया है।

 

ये भी पढ़ें

Punjab Election 2022 : AAP की तीसरी लिस्ट जारी, कांग्रेस से आए नेता को भी टिकट, देखें कैंडिडेट्स के नाम

Punjab Election 2022 : चुनाव से पहले किसानों को सरकार का तोहफा, 2 लाख तक का कर्ज होगा माफ, FIR भी होंगे रद्द

Share this article
click me!

Latest Videos

Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh
UP के जैसे दिल्ली में भी... आतिशी ने BJP पर किया सबसे बड़ा वार
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma