कोरोना वायरस के कहर में देश के कई हिस्सों से दिल दहला देने वाली और मार्मिक कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक दर्दनाक तस्वीर पंजाब से सामने आई है। जहां एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसकी अर्थी को कोई कंधा देने के लिए पूरे चार लोग भी नहीं थे।
जालंधर (पंजाब). कोरोना वायरस के कहर में देश के कई हिस्सों से दिल दहला देने वाली और मार्मिक कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक दर्दनाक तस्वीर पंजाब से सामने आई है। जहां एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसकी अर्थी को कोई कंधा देने के लिए पूरे चार लोग भी नहीं थे।
बेटे चाहकर भी मां का आंतिम बार नहीं देख पाए चेहरा
दरअसल, मार्मिक तस्वीर जालंधर जिले की है, जहां बुधवार को एक कोरोना वायरस से संक्रमित बुजुर्ग 66 साल की महिला की मौत हो गई। उसके मरने के बाद हेल्थ विभाग को उसका अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बता दें कि महिला का एक बेटा कोरोना से संक्रमित है, वहीं दूसरा बेटा होम क्वारैंटाइन किया गया है। जबकि तीसरा बेटा लॉकडाउन में दूसरे शहर में फंसा हुआ है। महिला के तीन-तीन बेटे होने के बाद भी वह चाहकर उसका अंतिम बार चेहरा तक नहीं देख सके। आखिर में प्रशासन को मृतका के दमाद को बुलाकर शाम साढ़े पांच बजे उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया, जहां नाती ने मुखाग्नि दी।
शव लेने नहीं आया परिवार के लोग
सेहत विभाग का कहना है कि महिला के तीनों बेटों की मजबूरी थी, लेकिन जब उसके अन्य परिवारवालों और रिश्तेदारों को हमने फोन पर सूचना दी तो वह
महिला का शव लेने के लिए नहीं पहुंचे। काफी इंतजार करने के बाद आशा वर्कर और पुलिस प्रशासन मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया। बता दें कि कोरोना से जालंधर में यह 7वीं मौत है, जबकि जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 217 हो गई है।