लॉकडाउन होने के बाद महामारी का सबसे ज्यादा असर देहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। ना उनके पास रहने के लिए छत है और ना ही पेट भरने के लिए खाना। ऐसे में चंडीगढ़ के गुरुद्वारा साहिब संस्था की महिलाएं उनके लिए खाना बना रही हैं।
चंडीगढ़. पूरी दुनिया खतरनाक कोरोनावायरस से जूझ रही है। लॉकडाउन होने के बाद महामारी का सबसे ज्यादा असर देहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। ना उनके पास रहने के लिए छत है और ना ही पेट भरने के लिए खाना। ऐसे में चंडीगढ़ के गुरुद्वारा साहिब संस्था की महिलाएं उनके लिए खाना बना रही हैं।
पुलिस के जवान गरीबों तक पहुंचा रहे हैं फूड पॉकेट
दरअसल, कोरोना के चलते चंडीगढ़ में पिछल चार दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है। सड़क किनारे झोपड़ियों में रहने वाले मजदूरों और भिखारियों के पास ना तो राशन बचा है और ना ही उनके पास पैसे जिससे वह तय समय में दुकान से खीरद सकें। ऐसे में शहर के गुरुद्वारा साहिब के लोगों ने मंगलवार और बुधवार को एक-एक हाजर लोगों के लिए खाना बनाया। जिसको पुलिस के जवानों ने उन लोगों तक खाना के फूड पॉकेट बनाकर पहुंचाए।
एक पैकेट में दिया जाता है इतना खाना
गुरुद्वारा साहिब संस्था के प्रेसिडेंट तजिंद्रपाल सिंह ने बताया कि उनके गुरुद्वारा शहर के ऐसे लोगों को खाना तैयार किया जा रहा है। जिनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है। हमारे गुरुद्वारा में आने वाली महिलाएं सुबह 5 बजे से रोटियां और सब्जी बनाने लगती हैं। इसके अलावा पुरुष इसको पैकेट में रखते हैं। एक पैकेट में 6 चपाती, सब्जी और आचार दिया जा रहा है।
10 हजार लोगों का खाना किया जाएगा तैयार
तजिंद्रपाल सिंह ने बताया कि गुरुवार के दिन हम 10 हजार लोगों का खाना बनाएंगे। हमारा मकसद है कि कोई भूखा ना सोए और उनके बच्चे को यह अहसास नहीं हो कि उनके पिता या मां उनके लिए खाना नहीं दे पा रहे हैं। इस अभियान में सबसे ज्यादा किसी का रोल है तो वह इन महिलाओं का जो हजारों चपाती बना रहीं। ऐसी नारी शक्ति को प्रणाम करता हूं।